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‘मजबूत’ होकर लौटे योगी

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लखनऊ: सियासी कयासों, उलटफेर की चर्चाओं, प्रदेश के बंटवारे की तैयारी की अटकलों के बीच दो दिन का योगी आदित्यनाथ यह दौरा पूरी तरह फीडबैक देने और आने वाली चुनौतियों से पार पाने की तैयारियों की चर्चाओं पर ही केंद्रित रहा। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की मुलाकात से शुरू होकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा तक से भेंट में प्रमुख रूप से मुख्य एजेंडा मिशन 2022 और लक्ष्य 300 पार सीटें ही रहा।
केंद्रीय नेतृत्व ने योगी के साथ जरूरी फैसले लेने और उन्हें क्रियान्वित करने के मुद्दे पर चर्चा किया। साथ ही पूरी कार्ययोजना समझाने और प्रदेश की तैयारियां समझते हुए जल्द ही फिर बैठक कर फैसलों को अंतिम रूप देने का निश्चय हुआ है। केंद्रीय नेतृत्व ने यूपी में फिर फतह की कमान एक तरह से गृहमंत्री अमित शाह को सौंप दी है।
जहां तक मंत्रिमंडल फेरबदल की चर्चाओं का सवाल है तो इस पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। नामों को लेकर भी कोई सूची नहीं तैयार की गई है। जहां तक जितिन या अरविंद शर्मा को मंत्री बनाने की बात है तो इस बारे में भी इस दौरे में कोई अंतिम फैसला न होने के संकेत हैं। संघ व भाजपा के सूत्रों का कहना है कि मुलाकात का मुद्दा कोरोना महामारी के दौरान हालात और पंचायत चुनाव के परिणामों के संदर्भ में 2022 की संभावनाएं व समीकरण रहे।

इनके जरिये यूपी में भाजपा की ‘एक बार फिर सरकार 300 पार के साथ’ के संकल्प को साकार किया जा सके। मुख्यमंत्री की प्रधानमंत्री, शाह और नड्डा से अलग-अलग मुलाकातें होने के कारण इनकी कोई अधिकृत जानकारी तो नहीं मिल पाई है, लेकिन बताया जा रहा है कि बातचीत का मुद्दा डैमेज कंट्रोल के लिए सहयोगियों का साधना और विरोधियों का सियासी तौर पर निपटाना रहा।

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