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यूपी एटीएस ने दिल्ली में मौलाना कलीम सिद्दीकी के ठिकानों पर की छापेमारी

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यूपी एटीएस: देश में जबरन लोगों का धर्मांरण करने वाले गिरोह पर शिकंजा कसना शुरू हो गया है। आज यानि कि मंगलवार को उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) ने अवैध धर्मांतरण मामले में दिल्ली और यूपी में छापेमारी की। साथ ही मुख्य आरोपी मौलाना कलीम सिद्दीकी और उसके साथियों के कई ठिकानों पर की तलाशी ली गई। यूपी एटीएस के सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी और यूपी के कई स्थानों पर चले रहे छापेमारी से कई सबूत भी जब्त किए गए हैं।

बता दें कि यूपी एटीएस ने अवैध धर्मांतरण रैकेट मामले में सिद्दीकी समेत 14 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। 64 वर्षीय इस्लामिक स्कोलर को एटीएस ने 22 सिंतबर को गिरफ्तार किया था। मालूम हो कि कलीम सिद्दीकी को पश्चिमी यूपी के सबसे बड़े मौलवियों में एक माना जाता है।

यूपी एटीएस की टीम ने बीते 2 अक्टूबर को अवैध धर्मांतरण मामले में एक और व्यक्ति को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद आज ये छापेमारी की गई।

धर्म परिवर्तन मामला

उत्तर प्रदेश पुलिस ने जून में धर्म परिवर्तन रैकेट चलाने के आरोप में एक आरोपी उमर गौतम और अन्य आठ को गिरफ्तार किया था। जांच के दौरान पता चला कि रैकेट में मूक बाधिक बच्चों और महिलाओं का धर्म परिवर्तन करवाया गया था। इसके अलावा  1,000 से अधिक लोगों को अलग-अलग बहाने से उनका धर्मांतरण किया गया था। पुलिस ने एक बयान में बताया था कि नोएडा में एक दर्जन से अधिक मूक-बाधिर बच्चों का भी धर्म परिवर्तन कराया गया। गिरफ्तार आरोपियों ने हर साल करीब 250 से 300 लोगों का धर्म परिवर्तन करने की बात कबूल की थी।

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उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने  मौलाना कलीम सिद्दीकी को मेरठ से गिरफ्तार किया था। उनका नाम उमर गौतम मामले की जांच के दौरान सामने आया था। गौरतलब है कि उमर गौतम को जून में उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा कथित रूप से धर्मांतरण रैकेट चलाने के आरोप में गिरफ्तार करने के बाद जेल में भेज दिया गया था। मौलाना संदिग्ध गतिविधियों को लेकर सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर थे।

यूपी के अतिरिक्त महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा, “जांच से पता चलता है कि मौलाना कलीम सिद्दीकी के ट्रस्ट को बहरीन से 1.5 करोड़ रुपये सहित विदेशी फंडिंग में 3 करोड़ रुपये मिले। इस मामले की जांच के लिए एटीएस की 6 टीमों का गठन किया गया है।”

मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी और मोहम्मद उमर गौतम को जून में दिल्ली के जामिया नगर इलाके से पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) से कथित फंडिंग के साथ बधिर छात्रों और गरीब लोगों को इस्लाम में बदलने की कोशिश करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

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