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यूपी के गोरखपुर हिंसा में 2 की मौत

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गोरखपुर। 11 अप्रैल 2018 को झंगहा के गजाईकोल में शातिर बदमाश राघवेंद्र यादव ने पुरानी रंजिश में सुगहा निवासी सेवानिवृत्त दारोगा जयहिंद यादव व उनके बेटे नागेंद्र की गोली मारकर हत्या कर दी गई। पिता-पुत्र वर्ष 2016 में हुए दोहरे हत्या की पैरवी मुकदमे की पैरवी करके कचहरी से घर लौट रहे थे। घटना के बाद आक्रोशित भीड़ ने पुलिस के ऊपर हमला कर दिया था।घटना के बाद गोबड़ौर चौराहे पर पुलिस चौकी खोली गई।जिसके बाद इलाके में शांति थी।रविवार को रामकिशुन यादव व उनके भतीजे की हत्या के बाद दोआब में सरगर्मी बढ़ गई।

छठ में आर्केस्ट्रा देखने को लेकर दोनों पक्षों में हुआ था विवाद

झंगहा के जद्दुपुर निवासी गुलशन ने आठ माह पहले रामायन के करीबी व करौता निवासी प्रेम यादव की हत्या कर दी थी। गुलशन व उसके साथी विकास के जेल जाने के बाद दोनों परिवारों में तनातनी और बढ़ गई थी। रामायन के स्वजन के मुताबिक डेढ़ माह पहले गुलशन व विकास जेल से छूटे हैं और वह उसके बाद से लगातार उनके परिवार से भिड़ने के लिए आमादा रहते थे। रामायन के स्वजन के मुताबिक उन्होंने उनकी हरकतों को गंभीरता से नहीं लिया और उसी का परिणाम है कि गुलशन ने पूरी तैयारी के साथ विशाल और उसके पट्टीदारी के बाबा रामकिशुन गोली मारकर हत्या कर दी।

नाले में म‍िला था शव

जद्दुपुर के ग्रामीणों के मुताबिक मार्च माह में प्रेम यादव का शव गांव के पास एक नाले में मिला था। पोस्टमार्टम के दौरान परपता चला कि प्रेम की मौत सिर में चोट लगने के चलते हुई है। विवेचना के दौरान झंगहा पुलिस को पता चला कि गुलशन व उसके साथी विकास ने प्रेम की हत्या की है। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया। ग्रामीणों के मुताबिक गुलशन को संदेह था कि रामायन के उकसाने पर प्रेम के स्वजन ने मुकदमा दर्ज कराया है। डेढ़ माह पहले गुलशन जब जेल से छूटकर आया तो वह रामायन के स्वजन पर हमले के लिए मौका ढूंढने लगा। यहां तक कि छठ के दिन गांव के मधुसूदन साहनी व श्याम यादव के बीच में आर्केस्ट्रा देखने को लेकर विवाद हुआ तो श्याम यादव के समर्थन में रामायन के स्वजन आए तो मधुसूदन की तरफ से गुलशन व उसके साथी आ गए। दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर एनसीआर तो दर्ज करा दिया था, लेकिन इसमें न ही गुलशन का नाम आया और न ही रामायन का। झंगहा पुलिस, हल्का दारोगा व बीपीओ ने भी गुलशन की गतिविधियों पर ध्यान नहीं दिया और रविवार को रामायन व रामकिशुन के स्वजन को इसका बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ा।

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इस बार पुलिस की लापरवाही से विवाद ने लिया जातीय संघर्ष का रूप

झंगहा के दोआब में पुलिस की लापरवाही से तीन साल बाद फिर खून-खराबा हुआ। मामूली विवाद ने जातीय संघर्ष का रुप ले लिया है और दो लोगों की जान चली गई। रविवार को हुई घटना इसी लापरवाही का ही नतीजा है।घटना के बाद दूसरे पक्ष के लोग आक्रामक है। जद्दुपुर गांव में यादव व निषादों के बीच जातीय संघर्ष के हालात पैदा हो गए हैं। हालांकि गांव में तनाव को देखते हुए पुलिस फोर्स तैनात कर दिया गया है। जद्दुपुर गांव में निषादों की संख्या ज्यादा है। छठ पूजा के दिन आर्केस्ट्रा देखने के दौरान दोनों पक्ष के बीच मारपीट हो गई। जिसमें यादव पक्ष के एक युवक का सिर फट गया।

शिकायत पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। परिवार के लोग थाने से लेकर पुलिस चौकी का चक्कर काटते रहे। इस घटना के बाद दोनों पक्ष में तनातनी बढ़ गई। आमने-सामने घर होने की वजह से कई बार तकरार हुई लेकिन पुलिस अनजान बनी रही। रविवार की दोपहर में बच्चों के बीच हुई कहासुनी ने खूनी रुप ले लिया जिसमें दो लोगों की जान चली गई। घटना के बाद पहुंचे अधिकारियों को भी गांव के लोगों ने बताया कि स्थानीय पुलिस ने गंभीरता से नहीं लिया और इसी वजह से इतनी बड़ी घटना हो गई।पुलिस के मुताबिक़, स्थिति फ़िलहाल शांत है और दोषियों को पकड़ने की कोशिश की जा रही है। अभी तक किसी की गिरफ़्तारी नहीं हुई है।

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