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यूपी सरकार और नोएडा अथारिटी को नोटिस सुप्रीम कोर्ट ने इस खास वजह को लेकर भेजा नोटिस

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा के मोरना गांव के भूस्वामी किसानों की अधिग्रहित भूमि का मुआवजा बढ़ाए जाने की मांग पर उत्तर प्रदेश सरकार और नोएडा अथारिटी को नोटिस जारी किया है। मोरना गांव के भूस्वामी किसानों ने जमीन का मुआवजा बढ़ाकर पड़ोस के गांव छलेरा बांगर की अधिग्रहित जमीन के लिए दिए गए मुआवजे के बराबर 449 रुपये प्रति वर्गगज किये जाने की मांग की है।

भूस्वामी किसानों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के 22 मार्च 2021 के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में यह विशेष अनुमति याचिका दाखिल की है। नोएडा के मोरना गांव के भूमि अधिग्रहण का यह मामला 1991 का है। न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और कृष्ण मुरारी की पीठ ने भूस्वामी किसानों के वकील डाक्टर राजीव शर्मा की दलीलें सुनने के बाद गत सप्ताह याचिका पर नोटिस जारी किया।

इससे पहले राजीव शर्मा ने पीठ के समक्ष नोएडा के छलेरा बांगर गांव के भूमि अधिग्रहण से संबंधी केस बीर सिंह मामले में नौ नवंबर 2017 को दिए गए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया जिसमें कोर्ट ने 449 रुपये प्रति वर्गगज की दर से मुआवजा दिया था। शर्मा ने कहा कि इस मामले के याचिकाकर्ताओं को 449 रुपये प्रति वर्गगज की दर से मुआवजा दिया जाए, न कि 355 रुपये प्रति वर्गगज की दर से जो कि हाईकोर्ट ने दिया है।

उन्होंने कहा कि दोनों ही गांवों में भूमि अधिग्रहण एक ही समय 1991 में हुआ था। शर्मा ने कहा कि समतुल्यता और समानता को देखते हुए मोरना गाव के भूस्वामी याचिकाकर्ता भी 449 रुपये प्रति वर्गगज की दर से मुआवजा पाने के अधिकारी हैं।

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मोरना गांव के भूमि अधिग्रहण के इस मामले में हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ भूस्वामी किसानों और नोएडा अथारिटी की क्रास अपीलें हैं। यानी दोनों ही पक्षों ने आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिकाएं दाखिल कर रखी हैं।

नोएडा अथारिटी ने हाईकोर्ट द्वारा मुआवजा 264 रुपये प्रति वर्गगज से बढ़ाकर 355 रुपये प्रति वर्गगज करने के हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रखी है। सुप्रीम कोर्ट में उसकी याचिका पहले से लंबित है जिसमें पहले ही नोटिस जारी हो चुका है। अब भूस्वामी भी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं और भूस्वामियों ने हाईकोर्ट द्वारा दिये गए मुआवजे को और बढ़ाए जाने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट ने भूस्वामियों की याचिका पर भी नोटिस जारी करते हुए दोनों याचिकाओं को एक साथ सुनवाई के लिए संलग्न करने का आदेश दिया है।

क्या है मामला

नोएडा के मोरना गांव में भूमि अधिग्रहित किये जाने की अधिसूचना 1991 में निकली थी। 1992 में उत्तर प्रदेश सरकार ने अधिग्रहित जमीन पर कब्जा लेकर उसे विकसित करने के लिए नोएडा अथारिटी को दे दिया। भूस्वामियों को अधिग्रहित जमीन का 74.40 रुपये की दर से मुआवजा दिया गया। भूस्वामी मुआवजा बढ़वाने के लिए रिफरेंस कोर्ट गए। रिफरेंस कोर्ट ने 2003 में मुआवजा बढ़ाकर 264 रुपये प्रति वर्गगज कर दिया। भूस्वामियों ने और मुआवजा बढ़ाने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की हाईकोर्ट ने 23 मार्च 2021 को दिये फैसले में जमीन का मुआवजा बढ़ाकर 355 रुपये प्रति वर्गगज कर दिया जिसके खिलाफ अब मामला सुप्रीम कोर्ट में है।

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