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राजनेताओं के सामने राजस्थान पुलिस लाचार, महामारी अधिनियम भाजपा-कांग्रेस नेताओं पर लागू नहीं!

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जयपुर। प्रदेश में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए राजस्थान एपिडेमिक अध्यादेश लागू है। राजस्थान पुलिस की ओर से प्रदेशभर में आजमन पर कार्रवाई कर 24.72 करोड़ रुपए की वसूली की गई। वहीं, दूसरी ओर भाजपा-कांग्रेस के नेताओं के कोरोना पॉजिटिव मिलने की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। भारतीय जनता पार्टी व काग्रेंस पार्टी की ओर से लगातार धरना-प्रदर्शन व कार्यक्रमों में सैकड़ों की संख्या में उपस्थित मंत्री, नेता और कार्यकर्ताओं की ओर से कोरोना महामारी के निषेधाज्ञा मापदण्डों का उल्लघंन किया जा रहा है।

राजनीतिक पार्टी की ओर से धरना-प्रदर्शन व कार्यक्रमों में सोशल डिस्टेंसिग रखी नजर नहीं आती है। जिसके बाद भी राजस्थान पुलिस की ओर से अभी तक राजनेताओं के खिलाफ कोरोना महामारी को लेकर कोई भी कार्रवाई नही की गई है। माना जाए तो राजस्थान पुलिस राजनेताओं के आगे बेवस है, जिसके कारण वह धरना-प्रदर्शन व कार्यक्रमों में राजस्थान एपिडेमिक अध्यादेश की पालना नहीं करने पर भी हाथ पर हाथ धरे बैठी नजर आ रही है।

कैसे हुए कोरोना पॉजिटिव मंत्री-नेता –
 सूत्रों की माने तो भाजपा व कांग्रेस पार्टी की ओर से अभी कई मुद्दो को लेकर धरना-प्रदर्शन किया गया। कांग्रेस की जेईई और नीट परीक्षा के विरोध, भाजपा की ओर से बिजली के दामों को लेकर धरना- प्रदर्शन और यूथ कांग्रेस का शपथ ग्रहण समारोह कार्यक्रम हुआ। जिसमें कोरोना महामारी के नियमों के मापदण्डों का जमकर उल्लघंन देखने को मिला।

एकत्रित कार्यकर्ताओं में कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति के समय में आने से ही मंत्री व नेता कोरोना की चपेट में आए है। आप को बता दें कि अभी तक केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, कैलाश चौधरी, अर्जुन राम मेघवाल, काग्रेंस विधायक, रामलाल जाट, रफीक खान, मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावाास, बीजेपी विधायक राजेन्द्र राठौड़, आरएलपी सांसद हनुमान बेनीवाल सहित कई मंत्री व विधायक कोरोना पॉजिटिव आ चुके है।

आम और खास में अतंर क्यों? –
 महानिदेश पुलिस भूपेन्द्र सिंह की ओर से जारी सूचना के अनुसार, राजस्थान एपिडेमिक अध्यादेश के तहत साढ़े 5 लाख से अधिक व्यक्तियों का चालान कर पौने 9 करोड़ रुपए से अधिक का जूर्माना वसूला गया। मुख्यत: सार्वजनिक स्थलों पर मास्क नहीं लगाने, निर्धारित सुरक्षित भौतिक दूरी नहीं रखने, सार्वजनिक स्थलों पर थूकने आदि को लेकर राजस्थान पुलिस ने आमजन पर कार्रवाई की। आजमन पर कार्रवाई करने का उद्देश्य मात्र कोरोना संक्रमण की चेन को तोडऩा है। वहीं, देखा जाए तो राजनेताओं की ओर से धरना-प्रदर्शन व आयोजित कार्यक्रम में इन नियमों का उल्लघंन करने के बाद भी वहां मौजूद पुलिसकर्मी आखिरकार चुप्पी साधे रहते है।

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सूत्रों की माने, तो राजस्थान पुलिस की अनदेखी के कारण ही राजनेता कोरोना पॉजिटिव आए है। जिस प्रकार की सख्ती आजमन पर की गई, उसी तरह की राजनेताओं के धरना-प्रदर्शन व कार्यक्रमों में की जाती तो राजनेता कोरोना की चपेट में नहीं आते। या माना जाए की राजनेताओं के आगे राजस्थान पुलिस बेवस है, जो अपनी ड्यूटी शांति से बजाने की सोचकर कोरोना महामारी के नियमों का उल्लघंन होते देखकर भी नजर अंदाज कर देती है।

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