Home Breaking News रायबरेली: यूपी के रायबरेली में जहरीली शराब में हुई मौतों के मामले में बड़ी खबर सामने आई है. सूत्रों के मुताबिक, कांड का मुख्य आरोपी पुलिस की गिरफ्त में है. धीरेन्द्र सिंह के ठेके से बिकी विंडीज़ ब्राण्ड की शराब पीने के बाद ही लोगों की मौत हुई थी. इसके अलावा सेल्समैन राम प्रताप भी पकड़ा गया है. दोनो के खिलाफ महराजगंज थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था. सरकारी आंकड़ों और पोस्टमार्टम के मुताबिक, अब तक 9 लोगों की मौत की पुष्टि की जा रही है. जबकि ग्रामीणों का दावा है कि अब तक 12 लोगों ने शराब के चलते जान गंवा दी है. फिलहाल नौ लोगों के पोस्टमार्टम हो चुके हैं. दो लोगों की गुरुवार को मौत हुई है जबकि एक ने बिना सूचना दिए ही शव का अंतिम संस्कार कर दिया है. NSA और गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई बुधवार को सरकार ने जिला प्रशासन को नकली शराब की आपूर्ति में संलिप्त पाए जाने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया था. उन पर “आईपीसी और उत्पाद शुल्क कानूनों” की कड़ी धाराओं के अलावा “एनएसए” और “गैंगस्टर अधिनियम” के तहत मामला दर्ज करने का आदेश दिया. सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि, “किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह कोई भी हो.” मुआवजे को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश लगातार हो रही मौतों के बावजूद किसी तरह के मुआवजे का ऐलान नहीं किया गया है. मुआवजे का ऐलान न होने से ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ रहा है. किसी भी स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने गांव को छावनी में तब्दील कर दिया है. यहां पुलिस पीएसी और आईटीबीपी के जवान तैनात कर दिए गए हैं. कानून व्यवस्था बनाए रखने को लेकर यहां कड़ी नजर रखी जा रही है. विंडीज ब्रांड पर लगाई रोक वहीं, मामले की जांच करने पहुंचे उप आबकारी आयुक्त ने बताया कि फिलहाल विंडीज ब्रांड पर रोक लगाते हुए केवल टेट्रा पैक की बिक्री का निर्णय लिया गया है. माना जा रहा है कि इससे पूर्व में तैयार कर रखी गई जहरीली शराब नहीं बिक सकेगी. यही वजह है कि अवैध शराब व्यवसायी अब चोरी छिपे इधर-उधर शराब फेंक रहे हैं. ऐसी ही कई बोरी शराब किसी ने महाराजगंज थाना इलाके के रूपामऊ में फेंकी है. पुलिस ने इसे लेकर मुकदमा दर्ज किया है. क्या है पूरा मामला बता दें कि महाराजगंज थाना इलाके के पहाड़पुर में शराब पीने के बाद कई लोगों के मौत की खबरें आई थीं. बाद में बताया गया कि पहाड़पुर निवासी नान्हू की बेटी का सोमवार को निकासन था (बच्चा पैदा होने के बाद पहली बार घर से बाहर निकलने पर किये जाने वाला आयोजन) इसी आयोजन में शामिल होने के लिए रिश्तेदार आये थे. जिन्होंने पास के देशी शराब ठेके से शराब खरीद कर पी थी. खाना खाकर सभी लोग चले गए थे. अगले दिन निकासन में शामिल हुए लोगों में जिन्होंने शराब पी थी उनकी तबियत बिगड़ने लगी. नान्हू की मां समेत 6 लोगों की मौत के बाद प्रशासन हरकत में आया. आनन फानन पहाड़पुर के ठेके पर शराब पीने वालों को चिन्हित किया गया तो उनमें से ज़्यादातर बीमार मिले. प्रशासन ने एहतियात के तौर पर तकरीबन 25 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया. फिलहाल बीमारों इलाज जारी है. इनके खिलाफ हुई कार्रवाई नारायण कुमार कुशवाहा, एसएचओ महाराजगंज, राजकुमार, चौकी प्रभारी, धुलवासा, रत्नेश कुमार राय, पुलिस कांस्टेबल, ब्रजेश कुमार यादव, पुलिस कांस्टेबल, शिवनारायण पाल, पुलिस कांस्टेबल, विजय राम, पुलिस कांस्टेबल के खिलाफ कार्रवाई की गई है. वहीं, आबकारी विभाग के राजेश्वर मौर्य, डीईओ, रायबरेली अजय कुमार, निरीक्षक, धीरेंद्र श्रीवास्तव कांस्टेबल को तत्काल प्रभाव से निलंबित एवं आरोप पत्र दाखिल किया गया है.
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रायबरेली: यूपी के रायबरेली में जहरीली शराब में हुई मौतों के मामले में बड़ी खबर सामने आई है. सूत्रों के मुताबिक, कांड का मुख्य आरोपी पुलिस की गिरफ्त में है. धीरेन्द्र सिंह के ठेके से बिकी विंडीज़ ब्राण्ड की शराब पीने के बाद ही लोगों की मौत हुई थी. इसके अलावा सेल्समैन राम प्रताप भी पकड़ा गया है. दोनो के खिलाफ महराजगंज थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था. सरकारी आंकड़ों और पोस्टमार्टम के मुताबिक, अब तक 9 लोगों की मौत की पुष्टि की जा रही है. जबकि ग्रामीणों का दावा है कि अब तक 12 लोगों ने शराब के चलते जान गंवा दी है. फिलहाल नौ लोगों के पोस्टमार्टम हो चुके हैं. दो लोगों की गुरुवार को मौत हुई है जबकि एक ने बिना सूचना दिए ही शव का अंतिम संस्कार कर दिया है. NSA और गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई बुधवार को सरकार ने जिला प्रशासन को नकली शराब की आपूर्ति में संलिप्त पाए जाने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया था. उन पर “आईपीसी और उत्पाद शुल्क कानूनों” की कड़ी धाराओं के अलावा “एनएसए” और “गैंगस्टर अधिनियम” के तहत मामला दर्ज करने का आदेश दिया. सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि, “किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह कोई भी हो.” मुआवजे को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश लगातार हो रही मौतों के बावजूद किसी तरह के मुआवजे का ऐलान नहीं किया गया है. मुआवजे का ऐलान न होने से ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ रहा है. किसी भी स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने गांव को छावनी में तब्दील कर दिया है. यहां पुलिस पीएसी और आईटीबीपी के जवान तैनात कर दिए गए हैं. कानून व्यवस्था बनाए रखने को लेकर यहां कड़ी नजर रखी जा रही है. विंडीज ब्रांड पर लगाई रोक वहीं, मामले की जांच करने पहुंचे उप आबकारी आयुक्त ने बताया कि फिलहाल विंडीज ब्रांड पर रोक लगाते हुए केवल टेट्रा पैक की बिक्री का निर्णय लिया गया है. माना जा रहा है कि इससे पूर्व में तैयार कर रखी गई जहरीली शराब नहीं बिक सकेगी. यही वजह है कि अवैध शराब व्यवसायी अब चोरी छिपे इधर-उधर शराब फेंक रहे हैं. ऐसी ही कई बोरी शराब किसी ने महाराजगंज थाना इलाके के रूपामऊ में फेंकी है. पुलिस ने इसे लेकर मुकदमा दर्ज किया है. क्या है पूरा मामला बता दें कि महाराजगंज थाना इलाके के पहाड़पुर में शराब पीने के बाद कई लोगों के मौत की खबरें आई थीं. बाद में बताया गया कि पहाड़पुर निवासी नान्हू की बेटी का सोमवार को निकासन था (बच्चा पैदा होने के बाद पहली बार घर से बाहर निकलने पर किये जाने वाला आयोजन) इसी आयोजन में शामिल होने के लिए रिश्तेदार आये थे. जिन्होंने पास के देशी शराब ठेके से शराब खरीद कर पी थी. खाना खाकर सभी लोग चले गए थे. अगले दिन निकासन में शामिल हुए लोगों में जिन्होंने शराब पी थी उनकी तबियत बिगड़ने लगी. नान्हू की मां समेत 6 लोगों की मौत के बाद प्रशासन हरकत में आया. आनन फानन पहाड़पुर के ठेके पर शराब पीने वालों को चिन्हित किया गया तो उनमें से ज़्यादातर बीमार मिले. प्रशासन ने एहतियात के तौर पर तकरीबन 25 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया. फिलहाल बीमारों इलाज जारी है. इनके खिलाफ हुई कार्रवाई नारायण कुमार कुशवाहा, एसएचओ महाराजगंज, राजकुमार, चौकी प्रभारी, धुलवासा, रत्नेश कुमार राय, पुलिस कांस्टेबल, ब्रजेश कुमार यादव, पुलिस कांस्टेबल, शिवनारायण पाल, पुलिस कांस्टेबल, विजय राम, पुलिस कांस्टेबल के खिलाफ कार्रवाई की गई है. वहीं, आबकारी विभाग के राजेश्वर मौर्य, डीईओ, रायबरेली अजय कुमार, निरीक्षक, धीरेंद्र श्रीवास्तव कांस्टेबल को तत्काल प्रभाव से निलंबित एवं आरोप पत्र दाखिल किया गया है.

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रायबरेली। पुलिस ने पहाड़पुर देशी शराब ठेके के मालिक व सेल्समैन को गिरफ्तार कर लिया है. दोनों से पुलिस की तीन अलग-अलग टीमें पूछताछ कर रही हैं। हालांकि, अधिकारियों ने अभी तक उसकी गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं की है। उक्त ठेके का लाइसेंस पूरे पोतराम सिंह निवासी धीरेंद्र सिंह के नाम है। वह करीब चार साल से इस ठेके को चला रहा है। जमुलापुर के राम प्रताप दुकान में सेल्समैन थे। मंगलवार को शराब से संबंधित मौतों का सिलसिला शुरू होने के बाद दोनों भूमिगत हो गए थे।

धीरेंद्र के घर से भारी मात्रा में सीरिंज और नशीला पदार्थ बरामद किया गया। तभी से पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। गुरुवार को एसओजी ने दोनों को पकड़ लिया और दोनों से पूछताछ की जा रही है कि शराब पीने से लोगों की मौत कैसे हुई. दोनों के पकड़े जाने की बात अभी विभागीय अधिकारी सार्वजनिक नहीं कर रहे हैं। शुक्रवार को उसे जेल भेजे जाने की संभावना है।

एएसपी करेंगे जांच : पहाड़पुर शराब ठेका मामले में निलंबित कोतवाली प्रभारी व थुलवासा चौकी प्रभारी समेत चार आरक्षकों की भूमिका की जांच का जिम्मा एएसपी विश्वजीत श्रीवास्तव को सौंपा गया है. इसके अलावा कोतवाली और चौकी में नए अधिकारियों की पदस्थापना के लिए तीन-तीन नाम चुनाव आयोग को भेजे गए हैं. साथ ही पैनल तय करेगा कि किसे जिम्मेदारी दी जाए।

शराब ठेकेदार और सेल्समैन के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। जल्द ही दोनों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। नौ लोगों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में शराब की पुष्टि हुई है। मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। श्लोक कुमार, पुलिस अधीक्षक

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