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राष्ट्रपति कोविंद द्रास नहीं जाएंगे, खराब मौसम की वजह से कार्यक्रम रद्द, जानिए अब किसे देने वाले हैं श्रद्धांजलि

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नई दिल्ली। कारगिल विजय दिवस की 22वीं वर्षगांठ के मौके पर आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शहीदों को नमन करेंगे। राष्ट्रपति कोविंद का आज कारगिल के द्रास जाकर शहीदों को नमन करने का कार्यक्रम था लेकिन अब इसमें खराब मौसम की वजह से बदलाव किया गया है। राष्ट्रपति कोविंद अब बारामूला युद्ध स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि देंगे।

भारतीय सेना के अधिकारी के मुताबिक, राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद खराब मौसम के कारण द्रास में कारगिल युद्ध स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि नहीं देंगे। राष्ट्रपति कोविंद अब बारामुला युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे।

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद आज कारगिल विजय दिवस की 22वीं वर्षगांठ पर कारगिल युद्ध स्मारक पर 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों के अदम्य साहस और बलिदान को श्रद्धांजलि देने के लिए द्रास जाने वाले थे। उनके साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत भी मौजूद रहेंगे। जहां दोनों कारगिल विजय दिवस समारोह में भाग लेंगे।

कारगिल विजय दिवस से एक दिन पहले रविवार को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत ने कारगिल जिले के द्रास सेक्टर में नियंत्रण रेखा से सटे क्षेत्रों का दौरा किया। सेना ने ट्वीट कर बताया कि सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने द्रास सेक्टर में नियंत्रण रेखा से सटे क्षेत्र का दौरा किया और वर्तमान सुरक्षा स्थिति और तैयारी की समीक्षा की। इस दौरान सीडीएस ने सैनिकों के साथ बातचीत की और उनके ऊंचे मनोबल के लिए उन्हें बधाई दी।

राष्ट्रपति कोविंद रविवार को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के चार दिवसीय दौरे पर यहां पहुंचे। इससे पहले साल 2019 में खराब मौसम के चलते राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कारगिल विजय दिवस समारोह में हिस्सा नहीं ले पाए थे और उन्होंने श्रीनगर के बदामीबाग में सेना की 15वीं कोर के मुख्यालय में युद्ध स्मारक पर माल्यार्पण करके ही वीर शहीदों को श्रद्धांजलि दी थी।

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1999 में मई से जुलाई महीने के बीच हुई थी कारगिल की लड़ाई

कारगिल विजय दिवस का आयोजन हर साल 26 जुलाई को किया जाता है। ये वही दिन है, जब भारतीय सेना ने कारगिल में अपनी सभी चौकियों को वापस पा लिया था, जिनपर पाकिस्तान की सेना ने कब्जा किया था। ये लड़ाई जम्मू-कश्मीर के कारगिल जिले में साल 1999 में मई से जुलाई के बीच हुई थी। पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को जानकारी दिए बिना तत्कालीन पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल परवेज मुशर्रफ ने कारगिल में घुसपैठ करवाई थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कारगिल विजय दिवस से एक दिन पहले रविवार को साल 1999 में देश को गौरवान्वित करने वाले कारगिल के वीरों को सलाम करने का देशवासियों से आग्रह किया।

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