मुंबई। श्रीलंका दौरे के लिए भारतीय टीम के मुख्य कोच नियुक्त किए गए राहुल द्रविड़ ने रविवार को कहा कि श्रीलंका के खिलाफ लिमिटेड ओवर की सीरीज में चुने गए सभी युवाओं को खेलने का मौका मिलना संभव नहीं है। युवा खिलाड़ी इस साल होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप के लिए अपने प्रदर्शन से सिलेक्टर्स को प्रभावित करना चाहते हैं। द्रविड़ इस सीरीज में कोच की भूमिका में वापसी कर रहे हैं। द्रविड़ का मानना है कि यह उम्मीद करना कि सभी को इस छोटे से दौरे में मौका मिल जाए, संभव नहीं है। शिखर धवन की कप्तानी में कम अनुभवी टीम श्रीलंका का दौरा करेगी। इसमें छह ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने इंटरनेशनल मैच नहीं खेला है।
राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के प्रमुख द्रविड़ ने टीम की रवानगी से पूर्व प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘मुझे लगता है कि इस छोटे दौरे पर हमसे यह उम्मीद करना शायद अवास्तविक होगा कि हर किसी को मौका दिया जाए जिसमें तीन टी20 मैच और तीन वनडे हैं। सिलेक्टर्स भी वहां होंगे। इस साल के वर्ल्ड कप के लिए टी-20 टीम में जगह बनाने के लिए इन खिलाड़ियों में ईशान किशन, सूर्यकुमार यादव और संजू सैमसन की तिकड़ी शामिल है। श्रीलंका के खिलाफ सीरीज 13 जुलाई से वनडे के साथ शुरू होगी जिसके बाद 21 जुलाई से टी-20 मैच खेले जाएगे।
वर्ल्ड कप को पहले भारत में होना था लेकिन कोविड-19 महामारी के चलते इसका आयोजन अक्टूबर में यूएई में होगा। श्रीलंका में वनडे मैचों की तुलना में तीन टी-20 ज्यादा अहमियत रखेंगे क्योंकि टी-20 वर्ल्ड कप से पहले यह भारत के अंतिम इंटरनेशनल मैच होंगे। पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ ने कहा, ‘इस टीम में काफी खिलाड़ी हैं जो आगामी वर्ल्ड कप के लिए टीम में अपना स्थान पक्का करना चाहते हैं और कुछ जगह बनाना चाहते हैं लेकिन मुझे लगता है कि टीम में हर किसी का मुख्य लक्ष्य सीरीज जीतने की कोशिश करना है।
उन्होंने कहा, ‘मुख्य उद्देश्य सीरीज जीतना है और उम्मीद करते हैं कि खिलाड़ियों को अच्छे प्रदर्शन के लिए मौका मिलेगा। वर्ल्ड कप से पहले सिर्फ तीन टी20 मैच ही हैं।’ उन्होंने कहा कि मुझे पूरा भरोसा है कि सिलेक्टर्स और प्रबंधन को अब तक अंदाजा हो गया होगा कि वे किस तरह की टीम चाहते हैं।