भोपाल, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्य कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर सुझाव दिया है कि कोरोना महामारी को देखते हुए आगामी विधानसभा उपचुनाव बैलेट पेपर के जरिए कराए जाने चाहिए। हाल ही में निर्वाचन आयोग ने सभी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टियों से देश में आगामी चुनावों के दौरान प्रचार पर उनके विचार और सुझाव मांगे थे। आयोग ने एक पृष्ठ के पत्र में सभी पार्टियों से 31 जुलाई तक जवाब मांगा था। बता दें कि इस साल मध्य प्रदेश समेत कुछ राज्यों में उपचुनाव जबकि बिहार में विधानसभा का चुनाव कराए जाने हैं।
इन चुनावों को लेकर अपने अपने स्तरों पर तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। बीते दिनों निर्वाचन आयोग ने चुनावों में 65 साल से जयादा उम्र के नागरिकों के लिए पोस्टल बैलट सुविधा नहीं देने का फैसला किया था। हालांकि आयोग ने दिव्यांगों, 80 साल से ज्यादा उम्र के मतदाताओं, जरूरी सेवाओं में कार्यरत कर्मचारियों के साथ साथ कोरोना संक्रमितों को विकल्प के तौर पर पोस्टल बैलेट से मताधिकार के इस्तेमाल की इजाजत दी थी। आयोग ने इस फैसले के पीछे कोरोना के चलते मैनपावर, साजो सामान संबंधी दिक्कतों सुरक्षा उपायों का हवाला दिया था।
हाल ही में कमल नाथ ने पार्टी विधायक दल की बैठक में विधायकों को आगामी विस उपचुनाव में जुट जाने के निर्देश दिए थे। उन्होंने यह भी दावा किया था कि अगली जो भी बैठक होगी वह राजभवन में हमारी शपथ ग्रहण के बाद होगी। लेकिन सवाल यह उठता है कि कांग्रेस एक ओर जहां बिहार में बैलेट पेपर से चुनाव कराने का विरोध कर रही है तो दूसरी ओर मध्य प्रदेश में कमल नाथ बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाने का सुझाव दे रहे हैं। बीते दिनों बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने कहा था कि बिहार में घर तक बैलेट पेपर पहुंचाकर निष्पक्ष मतदान की अपेक्षा नहीं की जा सकती है।