लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानमंडल के बजट सत्र में विधान परिषद में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बजट भाषण दिया तो विधानसभा में विपक्ष ने सरकार पर हमला बोला। विधान भवन में नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी के साथ बसपा के विधायक दल के नेता लालजी वर्मा तथा कांग्रेस विधायक दल की नेता अराधना मिश्रा ‘मोना’ ने आरोप लगाया कि राज्यपाल तो 18 फरवरी को बजट सत्र की शुरुआत में अभिभाषण पढऩा ही नहीं चाहती थीं। इसके साथ ही विपक्ष ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के साढ़े सात मिनट विलंब से अभिभाषण पढऩे पर भी सवाल उठाया।
समाजवादी पार्टी विधायक दल के नेता रामगोविंद चौधरी ने विधानसभा में सरकार पर हमला बोला। उन्होंने सदन में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अभिभाषण को देर से पढ़े जाने का सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि शायद राज्यपाल का अभिभाषण पढऩे का मन नही था। इसी कारण अभिभाषण उन्होंने साढ़े सात मिनट की देरी से शुरू किया। अभिभाषण तो बजट तय समय से लेट नहीं होना चाहिए। इस दौरान राज्यपाल नियत समय से साढ़े सात मिनट देर पहुंचीं। नेता विपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि आनंदी बेन पटेल गुजरात की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। इसके साथ ही वह मध्य प्रदेश तथा उत्तर प्रदेश की राज्यपाल हैं। उनको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ काम करने का मौका मिला है। ऐसे में उनके अभिभाषण में विलंब क्यों हुआ।
रामगोविंद चौधरी ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि पहली बार इतनी बड़ी महामारी आई, ऐसा नहीं है। ऐसा नहीं है कि पहली बार कोई महामारी आई हो, प्लेग भी आया था। इस संकट के दौरान सरकार ने किसी विपक्षी नेता से चर्चा करना तक ठीक नहीं समझा। इतना ही नहीं कोई सर्वदलीय बैठक नहीं बुलाई गई।
प्रदेश में किसानों के विरोध प्रदर्शन पर रामगोविंद चौधरी ने कहा कि किसान बॉर्डर पर मर रहे हैं। हर जगह पर किसान को ऐसे घेरा जैसे जा रहा हो जैसे बॉर्डर पर चीन व पाकिस्तान के सैनिक। अब तक विरोध में दो सौ किसान शहीद हो गए हैं। उन्होंने मृत किसानों को शहीद का दर्जा देने की मांग है। इसके साथ उनके आश्रितों को मुआवजा देने की भी मांग की है।
नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि हमने कोरोना वायरस संक्रमण काल में सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा था। सफाई कॢमयों को कोरोना किट देने की मांग थी, लेकिन हमारे पत्र पर ध्यान नहीं दिया गया। प्रदेश में कोरोना के नाम पर करोड़ों का घोटाला हुआ है। इस दौरान पीपीई किट और थर्मामीटर घोटाला भी हो गया है। प्रदेश में न जाने कितने लोगों की मौत हुई। इस मौत का आंकड़ा सरकार के पास नहीं है।
बहुजन समाज पार्टी के विधायक दल के नेता पूर्व कैबिनेट मंत्री लालजी वर्मा ने भी कहा कि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का अभिभाषण पढऩे का मन नहीं था। इसी कारण राज्यपाल सात मिनट लेट हो गईं।
लालजी वर्मा ने कहा कि कोरोना काल में हमारे मजदूरों को पैदल चलना पड़ा। इतना हीं नहीं आंदोलन कर रहे किसान को लाठी मारी गई है। प्रदेश में कानून-व्यवस्था पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है। यहां पर गन्ना का मूल्य चार वर्ष से नहीं बढ़ाया गया है।
कांग्रेस विधायक दल की नेता अराधना मिश्रा ‘मोना’ ने कहा कि बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल का अभिभाषण के लिए साढ़े सात मिनट लेट होना दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसा लगता है कि राज्यपाल अभिभाषण पढऩा नहीं चाहती थीं।
अराधना मिश्रा ने कहा कि सरकार कह रही है कि आवारा पशुओं का बड़े पैमाने पर रखरखाव किया जा रहा है। सड़कों पर आवारा पशु टहलते रहते हैं। उन्होंने सदन में आवारा पशुओं की चर्चा की। गोशाला में गोवंश मर रहे है। यह सरकार का सबसे बड़ा घोटाला साबित होगा। प्रदेश में खाद की बोरी में पांच किलो यूरिया कम कर दिया गया है। सरकार ने किसानों का हित नहीं किया है। उत्तर प्रदेश में महिलाओं प्रति अपराध बढ़ा है। प्रदेश में 92.4 प्रतिशत आंकड़े प्रदेश में लंबित है। इसमें प्रदेश की महिलाएं न्याय के इंतजार में है। कोरोना में मजदूर सड़क पर पैदल चला। युवाओं को रोजगार नहीं मिला। अभी तक तो निवेश भी कहीं नहीं दिख रहा है।