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शबनम के मासूम बेटे की पुकार, राष्ट्रपति अंकल मेरी माँ की फांसी माफ करो

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उत्तर प्रदेश के अमरोहा के बहुचर्चित बामनखेड़ी कांड की गुनाहगार शबनम के डेथ वारंट पर कभी भी हस्ताक्षर हो सकता है और हत्यारन शबनम को फांसी पर लटकाया जा सकता है, लेकिन फांसी की संभावनाओं के दरमियान शबनम के बेटे ताज़ ने देश के राष्ट्रपति रामनाथ गोविंद से अपनी मां की फांसी की सजा को माफ करने की इल्तज़ा की है, ताज न सिर्फ राष्ट्रपति से अपने मां के गुनाहों को माफ करने की गुहार लगा रहा है, बल्कि उसकी पलकें उन लम्हात को याद कर नम हो जाती हैं, जब वह अपनी मां से मिलने के लिए रामपुर जेल जाता था, ताज बताते हैं कि उनकी मां उसको बेहद प्यार करती हैं वह उसको गले लगाती हैं औऱ गले लगाकर आँचल में छिपा लेती है और पैसे भी देती है, ताज यह भी कहते हैं वह देश के पीएम और राष्ट्रपति से अपनी मां के गुनाहों की सजा को माफ करने की अपील की है ताकि उसके सिर से मां का साया न उठ पाए।

बुलंदशहर के सुशीला विहार कालोनी में रहने वाले शबनम की इकलौती संतान ताज के कस्टोडियन उस्मान सैफी का कहना है कि शबनम को निचली अदालत से सुप्रीम कोर्ट तक फांसी की सजा सुनाई गई है, वह कहते हैं ताज का जन्म जेल में हुआ था, लेकिन जब ताज की उम्र 06 साल हुई तो उसको जेल में बाहर लाया गया और अमरोहा जिला प्रशासन ने ताज का मुझे कस्टोडियन बनाया उस्मान यह भी बताते हैं कि ताज बुलंदशहर के प्रतिष्ठित स्कूल में पढ़ाई कर रहा है, और वह जहां तक पढ़ेंगे उनकी पढ़ाई और परवरिश का मुकम्मल इंतज़ाम है वह यह भी कहते हैं कि ताज की मां पर काफी प्रॉपर्टी है वह शबनम से कह चुके हैं वह इस प्रॉपर्टी को स्कूल, कालेज, अस्पताल जैसे किसी अच्छे काम के लिए दान कर दें।

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15 अप्रैल वर्ष 2008 को अमरोहा के गाँव बामन खेड़ी की रहने वाली शबनम ने अपने प्रेमी सलीम की मदद से प्रेम सम्बन्धों में बाधा बने अपने माता पिता, दो भाई, भाभी मौसी की लड़की और सात माह के दुधमुंहे भतीजे को कुल्हाड़ी से काटकर मौत के घाट उतार दिया था, जिसके बाद निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक शबनम को फांसी की सजा सुनाई गई राष्ट्रपति ने भी शबनम की सजा को बरकरार रखा और दया याचिका को खारिज कर दिया, इसी के साथ अब शबनम को फांसी देने की तैयारी शुरू कर दी गई है रामपुर जिला कारागार स्थित फांसी घर में शबनम को फांसी दी जाएगी और यह आज़ाद हिंदुस्तान में किसी महिला को पहली फांसी होगी, जेल प्रशासन ने रस्सी बनाने का ऑर्डर और शबनम के वजन के बराबर पत्थर को लटकाने की रिहर्सल शुरू कर दिया गया है, यहां तक कि मेरठ का जल्लाद पवन कई बार मथुरा जिला कारागार में फांसी की तैयारी का जायज़ा ले चुका है, हालांकि अभी जेल प्रशासन को शबनम के डेथ वारंट का इंतज़ार है।

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