नई दिल्ली देश से एक्सपोर्ट होने वाले सामान और उनकीमात्रा में इजाफा के लिए सरकार एक्सपोर्ट यानिर्यात बास्केट में बदलाव पर विचार कर रही है।केंद्रीय वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु ने यह जानकारीदो दिवसीय इंडस फूड के उदघाटन के अवसर परदी। नोएडा के एक्सपो सेंटर में शुरू हुए दोदिवसीय इंडस फूड कार्यक्रम में 43 देशों की 408कंपनियां हिस्सा ले रही है। ट्रेड प्रमोशन काउंसिलआॅफ इंडिया (टीपीसीआई) की ओर से आयोजितइस कार्यक्रम में गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा,राजस्थान, झारखंड, केरल जैसे राज्यों केपैवेलियन भी हैं। इसका उददेश्य भारतीयकिसानों, कृषि उत्पादकों को दुनिया भर के रिटेलचेन और अन्य फूड कंपनियों के साथ जोड़ने काप्रयास है। जिससे उनकी आमदनी और देश काएक्सपोर्ट बढ़े।
सुरेश प्रभु ने कहा कि सरकार एक रणनीति परकाम कर रही है जिससे एक्पोर्ट या निर्यात कोबढ़ावा देते हुए भारत में अधिक नौकरियों कासृजन किया जा सके। उन्होंने कहा कि यहरणनीति इस तरह की होगी जिससे न केवलनिर्यात की मात्रा बल्कि कारोबार का आंकड़ा भीबढ़े।
सुरेश प्रभु ने कहा कि हम कारोबार को औरअधिक आसान बनाने के लिए कार्य कर रहे हैं।इसके साथ ही भारत में मेक इन इंडिया कीअवधारणा को भी मजबूत करने के लिए वाणिज्यमंत्रालय की ओर से कई कदम उठाए जा रहे हैं।इससे इंडस्ट्री और उत्पादक कंपनी दोनों को लाभहोगा। उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादकों औरकिसानों को राहत और लाभ देने के लिए सरकारनई कृषि निर्यात नीति पर भी काम कर रही है।इससे न केवल कंपनियों बल्कि आम किसानों कोभी लाभ होगा। उन्होंने कहा कि ट्रेंड प्रमोशनकाउंसिल आॅफ इंडिया (टीपीसीआई) के इसप्रयास की वह सराहना करते हैं क्योंकि इससे यहांके उत्पादकों, कंपनियों और किसानों को बिनाविदेश गए ही वहां की कंपनियों से सीधे मुलाकातका अवसर उपलबध हो रहा है।
उन्होंने कहा कि इं डस फूड आने वाले समय मेंअंतरराष्ट्रीय पहचान बनाने वाले फूड एंड वेबरेजेसया खानपान—पेय बाजार मेला की तरह स्थापितहो सकता है, जैसा कि अनुगा, सेल या गल्फ फूड ANUGA, SIAL and Gulf food होता है इसबार यहां पर प्रसंस्कृत या प्रोसेसड फूड के अलावाडेयरी, फल—सब्जी, मीट, सी फूड, मसाला, टी—कॉफी, दाल और अनाज की कंपनियां आई हैं।मुझे उम्मीद है कि आने वाले समय में और विस्तृतउत्पाद यहां पर दिखेंगे।
सुरेश प्रभु ने विदेश से आए प्रतिनिधियों कोसंबोधित करते हुए कहा कि वाणिज्य मंत्रालय एकआक्रमक एग्री एक्सपोर्ट पॉलिसी या कृषि निर्यातनीति पर काम कर रही है और जल्द ही सभीसंबंधित पक्षों के साथ ही इस पर जनता की भीराय हासिल की जाएगी। उन्होंने कहा कि मेरामंत्रालाय विभिन्न क्षेत्रोंं में कारोबार को सहयोगऔर समर्थन देने की नीति बना रहा है। सरकार नेपूरी तरह से सभी सुविधाओं से लैस 60 एग्रीएक्सपोर्ट जोन या एईजेड बनाए हैं। इसके अलावा42 मेगा फूड पार्क के साथ ही 128 कोल्ड चेनस्थापित की गई हैं, जिससे प्रसंस्करण वाले उत्पादके साथ ही कृषि उत्पाद को बढ़ावा मिल पाए।उन्होंने कहा कि दूसरे शब्दों में मैं यह कहनाचाहता हुं कि भारत में इन क्षेत्रों में बहुत संभावनाहै। भारत दक्षिण पूर्व एशिया का केंद्र है। ऐसे मेंयहां से दुनिया के कई हिस्सों में आसानी सेकारोबार किया जा सकता है। सरकार अपनी ओरसे सभी समर्थन देने को तैयार है।
भारत से फूड एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिएवाणिज्य मंत्रालय की ओर से ट्रेड प्रमोशनकाउंसिल आॅफ इंडिया (टीपीसीआई) को बढ़ावा—सहयोग दिया जा रहा है। इंडस फूड काआयोजन भी इसी उददेश्य से किया गया है। इसमेंईरान के डिप्टी कृषि मंत्री श्री अली अकबरमेहरफार्ड, ओमान के महानिदेशक, पब्लिकअथोरिटी फॉर फूउ रिजर्व, श्री सैफ सुल्तान अलशिबेनी, नजफ—कर्बला, इराक के अल काफिलधार्मिक ट्रस्ट के प्रतिनिधि भी शामिल हैं।