लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) शासनकाल में हुए बहुचर्चित खनन घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति से गुरुवार को नए सिरे से पूछताछ शुरू करेगा। लखनऊ स्थित पीएमएलए कोर्ट ने ईडी की अर्जी पर पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद की सात दिनों की पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर की है। रिमांड अवधि गुरुवार सुबह 10 बजे से आरंभ होगी।
वर्तमान में गायत्री लखनऊ जेल में निरुद्ध हैं। सूत्रों का कहना है कि गायत्री से खासकर फतेहपुर में हुए अवैध खनन को लेकर पूछताछ की तैयारी है। गायत्री से शासन स्तर पर खनन स्वीकृतियां देने को लेकर लिए गए फैसलों को लेकर भी पूछताछ होगी। इसके अलावा गायत्री से उनकी बेनामी संपत्तियों को लेकर भी सवाल-जवाब होंगे। ईडी जल्द गायत्री की संपत्तियों को अटैच करने का सिलसिला भी शुरू कर सकता है।
ईडी ने 30 दिसंबर 2020 को गायत्री प्रजापति के ठिकानों समेत तीन शहरों में सात स्थानों पर छापा मारा था। इस दौरान ईडी को 100 से अधिक संपत्तियों के दस्तावेज मिले थे। ईडी की जांच में गायत्री के अलावा उनकी पत्नी, दोनों बेटों व बेटी के नाम पर भी करोड़ों रुपये की संपत्ति खरीदे जाने की बात सामने आई है। जांच में यह भी सामने आया कि गायत्री की पत्नी का वर्ष 2013 से आय का कोई स्रोत नहीं था, जबकि उनकी बेटी भी कोई कारोबार नहीं करती थीं। वहीं ईडी गायत्री से पूछताछ में खनन पट्टों के आवंटन व उनके रिनीवल को लेकर तत्कालीन डीएम व अन्य अधिकारियों की भूमिका के बारे में भी पता लगाएगा।
सूत्रों का कहना है कि गायत्री, उनके परिवारीजनों व कंपनियों के नाम से करीब 20 करोड़ रुपये की 59 संपत्तियां खरीदी गई थीं। आशंका है कि यह संपत्तियां खनन घोटाले की काली कमाई से ही खरीदी गई थीं। ईडी ने दो सितंबर 2019 को फतेहपुर खनन घोटाले के मामले में मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया था। इस केस में गायत्री के अलावा तत्कालीन प्रमुख सचिव खनन जीवेश नंदन, फतेहपुर के तत्कालीन डीएम अभय सिंह, आइएएस अधिकारी संतोष कुमार राय व अन्य के नाम भी थे। ईडी ने गायत्री प्रजापति के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति का केस भी दर्ज किया है। ईडी पूर्व में भी दो बार गायत्री से पूछताछ कर चुका है।