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सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने कहा, पीएम मोदी एक साल में पूर्ण विकसित गोरखपुर एम्स का करेंगे उद्घाटन

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गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यहां एम्स की स्थापना के पीछे इंसेफ्लाइटिस मूल वजह थी। एक साल के अंदर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों पूर्ण विकसित एम्स का उद्घाटन कराया जाएगा। इसी के साथ पूर्वी-उत्तरी बिहार, पूर्वांचल  व नेपाल के पांच करोड़ लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यहां एम्स में आयोजित ‘स्वस्थ पूर्वी उत्तर प्रदेश- एक पहल’ अभियान के उद्घाटन समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बीमारियों की रोकथाम में एम्स को उसी भूमिका में आना पड़ेगा, जिसके लिए वह जाना जाता है। प्रयोगशाला से बेहतर शोध फील्ड में हो सकता है। इसलिए फील्ड में जाकर कार्य करना पड़ेगा। बीमारियों का उपचार अंतिम विकल्प है, यह प्रयास बचाव से शुरू होता है। इसी प्रयास से यहां इंसेफ्लाइटिस जैसी बीमारी पर नियंत्रण पाया गया और कोरोना पर नियंत्रण पाने के हम करीब हैं। इस कार्य के लिए एम्स, गोरखपुर एक बेहतरीन उदाहरण बन सकता है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि टीम वर्क हमें बेहतर परिणाम दे सकता है। सकारात्मक भाव बनाकर आगे बढ़ें। यदि हम पोलियो पर विजय प्राप्त कर सकते हैं तो आने वाले दिनों में टीबी को भी नियंत्रित करने में सफल होंगे। पूर्वी उत्तर प्रदेश इसके अलावा डेंगू, मलेरिया, कालाजार जैसी बीमारियों के प्रति संवेदनशील है। इन पर नियंत्रण के लिए बेहतर सुविधाओं की जरूरत है। तकनीकी मदद से अच्छे नतीजे आएंगे।

स्वागत एम्स की निदेशक प्रो. सुरेखा किशोर ने किया। उन्होंने पूर्वी उत्तर प्रदेश के सेहत सुधार की पूरी रूपरेखा प्रस्तुत की। संचालन व धन्यवाद ज्ञापन डा. प्रियंका द्विवेदी व डा. अमरप्रीत कौर ने किया। इस अवसर पर चिकित्सा मंत्री जयप्रकाश सिंह, अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी, प्रदेश सरकार के आर्थिक सलाहकार डा. केवी राजू, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश सिंह, बाबा राघव दास मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. गणेश कुमार, क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र के निदेशक डा. रजनीकांत, वायरोलाजिस्ट डा. अशोक पांडेय, एम्स के उप चिकित्सा अधीक्षक डा. गौरव गुप्ता आदि उपस्थित थे।

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95 फीसद कम हुई इंसेफ्लाइटिस से मौतें

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश प्रकृति व परमात्मा की दृष्टि से अत्यंत समृद्ध है। इसलिए यहां देश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा है। गोरखपुर- बस्ती मंडल, पूर्वी-उत्तरी बिहार व नेपाल के लगभग पांच करोड़ लोगों की स्वास्थ्य सेवा की जिम्मेदारी गोरखपुर पर है। जब हम समस्या को ठीक से समझ लेते हैं तो बेहतर परिणाम आता है। यहां लोगों ने लंबे समय तक इंसेफ्लाइटिस से होती मौतों को देखा है। 38 जिले इसे सीधे प्रभावित थे। 1977 से मौतें हो रही थीं। इस बीमारी से प्रभावित लोग वोट बैंक तो बने लेकिन इनके बारे में किसी भी दल ने सत्ता में आने के बाद सोचा तक नहीं। बतौर सांसद इसे मैंने संसद में मुद्दा बनाया। मुख्यमंत्री बनने के बाद इसकी रोकथाम के लिए प्रयास शुरू किया। आज इंसेफ्लाइटिस पर हमने लगभग 95 फीसद नियंत्रण पा लिया है। एक साल में छह सौ से 12 मौतें होती थीं। इस साल इनकी संख्या 21 से 25 के बीच है।

कोरोना के प्रबंधन व नियंत्रण में सफल रहा प्रदेश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना के प्रबंधन व नियंत्रण में प्रदेश पूरी तरह सफल रहा। अब हम अंतिम विजय पाने के करीब हैं। एक माह में हमारे पास वैक्सीन आ चुकी होगी। इस महामारी से अमेरिका में 8 फीसद मौतें हुईं। देश के अन्य विकसित राज्यों में इनकी संख्या तीन से पांच फीसद थी। उत्तर प्रदेश में कोरोना से होने वाली मौतों की संख्या मात्र 1.04 फीसद है। यदि कुछ सीनियर फेकेल्टी अपने कार्यों में लापरवाही नहीं बरती होती तो यह आंकड़ा एक फीसद भी नीचे रहता। हमारे प्रबंधन व नियंत्रण की डब्लूएचओ ने भी सराहना की। इस पर भी रिसर्च पेपर लिखा जाना चाहिए।

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