पटना। बिहार विधानसभा चुनाव (Assembly Polls) की तारीखों के एलान होने और पहले चरण की (first phase) नामांकन (nomination) की प्रक्रिया शुरू होने के बाद भी राजग (NDA) में सीट शेयरिंग को लेकर किसी अंतिम नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है। एनडीए में शामिल घटक दलों भाजपा (BJP) , जदयू (JDU) और लोजपा (LJP) की दिल्ली और पटना में बैठकों का दौर लगातार जारी है। इस बीच 4 अक्टूबर, शनिवार को भाजपा के बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव (Bhupendra Yadav) व चुनाव प्रभारी देवेंद्र फड़नवीस (Devendra Fadnavis) बिहार लौट आए हैं। माना जा रहा है कि बीजेपी की तरफ से वे सीट शेयरिंग पर सर्वमान्य फॉर्मूला (seat sharing formula acceptable for all) लेकर लौटे हैं। पटना आते ही दोनों नेताओं ने भाजपा के शीर्ष नेताओं की बैठक बुला ली। भाजपा की बैठक के बाद संभावित है कि भाजपा जदयू के साथ भी बैठक करेगी। एनडीए में सीट शेयरिंग के सस्पेंस ने टिकट उम्मीदवारों की भी धड़कनें बढ़ा दी है। हालांकि सीट शेयरिंग को लेकर विमर्श और मंत्रणा के बीच बीजेपी और जदयू के कुछ नेता अपने स्तर पर टिकट फाइनल मानकर प्रचार में जुट गए हैं। बता दें कि पहले चरण के नामांकन की अंतिम तिथि 8 अक्टूबर है और मतदान 28 अक्टूबर को हाेना है।
कम नहीं हो रही जदयू और लोजपा के बीच तल्खी
उधर, भाजपा की तमाम कोशिशों के बावजूद जदयू और एलजेपी के बीच तल्खी कम नहीं होती दिख रही है। शनिवार को ही फिर से लोजपा ने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर सोशल मीडिया में एक पोस्टर के जरिए हमला बोला है। पोस्टर में बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा है ‘ मोदी से बैर नहीं , नीतीश तेरी खैर नहीं’। आज ही शाम को दिल्ली में लोजपा के संसदीय बोर्ड की बैठक प्रस्तावित है। माना जा रहा है कि बैठक में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ मंत्रणा के बाद लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान की ओर से कोई अंतिम फैसला ले लिया जाएगा।
भाजपा और जदयू की खींचतान
इधर, भाजपा और जदयू में भी सीट बंटवारे को लेकर बेचैनी बढ़ गई है। जदयू और भाजपा में सीट बंटवारे को लेकर खींचतान जारी है। दिल्ली में सीट शेयरिंग को लेकर हुए मंथन के बाद बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव व चुनाव प्रभारी देवेंद्र फड़नवीस (Devendra Fadnavis पटना पहुंच गए हैं। इससे पहले गत गुरुवार की रात भूपेन्द्र यादव और देवेंद्र फड़नवीस मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिले बगैर जदयू के बड़े नेताओं से ही मिल कर वापस चले गए थे। जिसके बाद यह अफवाह तेज हो गया कि सीट शेयरिंग को लेकर भाजपा और जदयू की बात नहीं बन पाई। गुरुवार देर रात ही दिल्ली जाने के बाद दोनों नेताओं ने गृह मंत्री अमित शाह को रिपोर्ट दी है और बिहार की वर्तमान स्थिति के बारे में उन्हें बता दिया था। भाजपा नेतृत्व की तरफ से यह स्पष्ट किया गया है कि वह अपनी परंपरागत सीट को किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ेंगे। हालांकि कुछ सीट अपवाद के तौर पर अदला बदली होगी।