लखनऊ। भाजपा के एक नेता के परिवार की महिलाओं के लिए अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल करने के आपराधिक मामले में पांच आरोपितों के खिलाफ पाक्सो एक्ट में भी आरोप तय हुआ है। सोमवार को एमपी-एमएलए की विशेष अदालत ने बसपा के तत्कालीन राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी व राम अचल राजभर तथा तत्कालीन राष्ट्रीय सचिव मेवालाल गौतम के खिलाफ आरोप तय कर दिया।
विशेष जज पवन कुमार राय ने इसके साथ ही इस मामले के दो अन्य आरोपित नौशाद अली व अतहर सिंह राव के खिलाफ भी आइपीसी की धारा 506, 509, 153ए, 34, 149 व पाक्सो एक्ट की धारा 11 (1) के तहत आरोप तय किए। उन्होंने इसके साथ ही अभियोजन को अपना गवाह पेश करने का आदेश देते हुए मामले की अगली सुनवाई 20 मार्च को नियत की है।
यह है मामला: 22 जुलाई, 2016 को इस मामले की नामजद एफआइआर भाजपा नेता की मां ने हजरतगंज कोतवाली में दर्ज कराई थी। आरोप है कि 20 जुलाई, 2016 को बसपा सुप्रीमो मायावती ने राज्य सभा में उन्हें, उनकी बेटी, उनकी बहू व नातिन तथा परिवार की सभी महिलाओं को गालियां दीं व अपशब्द कहे। इसके दूसरे दिन नसीमुद्दीन सिद्दीकी, रामअचल राजभर व मेवालाल की अगुवाई में बसपा कार्यकर्ताओं ने हजरतगंज स्थित अंबेडकर प्रतिमा पर भाजपा नेता के परिवार की महिलाओं को अपशब्द कहे थे। इस दौरान धरना प्रदर्शन कर वर्ग और जातीय भेद बताते हुए भीड़ को हिंसा के लिए उत्तेजित किया था। 12 जनवरी, 2018 को विवेचना के बाद इस मामले में मायावती को छोड़कर शेष सभी आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया था। सोमवार को सुनवाई के दौरान सभी आरोपित अदालत में उपस्थित थे।