लखनऊ। जेलों में कुख्यातों की निगरानी बढ़ाने के लिए सीसीटीवी कैमरों का जाल और मजबूत होगा। चित्रकूट व बरेली जेल की सुरक्षा-व्यवस्था में सेंधमारी की घटनाओं के बाद कारागार व होमगार्ड राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मवीर प्रजापति ने मंगलवार को समीक्षा बैठक की। मंत्री ने ऐसी घटनाओं की पुनर्रावृत्ति रोकने के लिए कड़े निर्देश दिए हैं। कहा कि सभी जेलों में टाप टेन अपराधियों की 24 घंटे सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जाए।
अभी जेलों में लगे हैं 3600 सीसीटीवी कैमरे
उच्च सुरक्षा बैरकों में कड़ा पहरा रहे और यहां तैनात किए जाने वाले कर्मियों को लगातार बदला जाए। मंत्री ने बताया कि जेलों में जल्द 1200 और सीसीटीवी कैमरे लगवाए जाएंगे। मंत्री प्रजापति ने कहा कि कारागारों में वर्तमान में 3600 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। एक सप्ताह में 1200 सीसीटीवी कैमरे और लगाये जाने का निर्देश दिया गया है। जिससे कुख्यातों की निगरानी बढ़ाई जा सके।
जेलों की लाइव फीड भी कारागार मुख्यालय में उपलब्ध होगी
25 जेलों में 100 बाडीवार्न कैमर उपलब्ध कराए गए हैं, जिनका प्रयोग ड्यूटी के समय अधिकारी व कर्मचारी करेंगे और उनकी लाइव फीड भी कारागार मुख्यालय को उपलब्ध होगी। कहा कि चरणबद्ध ढंग से सभी जेलों में बाडी वार्न कैमरे उपलब्ध कराये जाएंगे। कहा कि प्रदेश में 22 जेलों में उच्च सुरक्षा बैरकें हैं, जिनकी अब 24 घंटे सीसीटीवी कैमरों से निगरानी का कड़ा निर्देश दिया गया है। कारागार मुख्यालय में स्थापित वीडियो वाल के जरिए भी इनके प्रसारण की लगातार निगरानी के कड़े निर्देश दिए गए हैं।
मुलाकात की अलग से की व्यवस्था तो होगी कार्रवाई
मंत्री ने जेल अधिकारियों को बंदियों से मुलाकात की प्रणाली का पूरा सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित कराने का निर्देश भी दिया। कहा कि मुलाकात की अलग से व्यवस्था प्रदान किए जाने की दशा में संबंधित अधिकारी व कर्मचारी के विरुद्ध बेहद कठोर कार्रवाई होगी। कहा कि सभी जेल अधीक्षक व जेलर अपनी जेलों में मुलाकात की व्यवस्था सुचारू करें और बंदियों के साथ मानवीय दृष्टिकोण अपनाये।
तीस जेलों में 670 नये सीसीटीवी कैमरे लगाने के साथ ही खराब हो चुके
प्रदेश की सभी 73 जेलों को 3600 सीसीटीवी कैमरों से लैस किया गया था। इसी कड़ी में बीते वर्ष तीस जेलों में 670 नये सीसीटीवी कैमरे लगाने के साथ ही खराब हो चुके लगभग 263 कैमरे बदले गए हैं। इसके लिए शासन ने 9.77 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया था। दूसरे चरण में 20 और जेलों में नए सीसीटीवी कैमरे लगवाने व खराब हो चुके कैमरों की मरम्मत के लिए 5.99 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया था।