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ग्रेटर नोएडा में 20 हजार लोग पानी को तरसे, अथॉरिटी 48 घंटे बाद भी नाकाम

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ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा के सेक्टर अल्फा-1 कमर्शल बेल्ट के पास गंगाजल पाइपलाइन फटने से करीब 20 हजार लोग पानी की बूंद-बूंद को तरस गए। शनिवार रात को पाइपलाइन फटने के बाद जल विभाग के अधिकारियों को इसे दुरुस्त करने में 48 घंटे से अधिक का समय लग गया। इस दौरान सेक्टर अल्फा-1 और अल्फा-2 के निवासियों को भारी जल संकट का सामना करना पड़ा। पानी न मिलने से लोगों के दैनिक कार्य भी नहीं हो सके, जिससे उनकी परेशानी बढ़ गई।

जल आपूर्ति ठप होने से नाराज लोगों ने सोमवार को प्राधिकरण के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। हालात को काबू में करने के लिए प्राधिकरण ने टैंकरों के जरिए पानी की सप्लाई शुरू की, लेकिन लोगों ने इसे नाकाफी बताते हुए नाराजगी जताई। आखिरकार सोमवार शाम करीब 5 बजे जल आपूर्ति बहाल की जा सकी। तब तक लोग गंभीर जल संकट झेल चुके थे।

लोगों का आरोप है कि जब पाइपलाइन फटी तो प्राधिकरण के पास मरम्मत के लिए जरूरी उपकरण और संसाधन उपलब्ध नहीं थे। जल विभाग को पाइपलाइन को जोड़ने के लिए आवश्यक सामान हापुड़ और फरीदाबाद से मंगवाना पड़ा, जिससे मरम्मत कार्य में काफी देर हो गई। इस लापरवाही का खामियाजा सेक्टर अल्फा-1 और अल्फा-2 के करीब 20 हजार निवासियों को भुगतना पड़ा।

रिश्तेदारों के घर नहाने के लिए गए लोग

जल संकट के कारण कई लोग न नहा सके और न ही अन्य जरूरी काम कर सके। कुछ लोग अपने रिश्तेदारों और जान-पहचान वालों के घर नहाने के लिए गए। जबकि, अन्य को बाजार से बोतल का पानी खरीदकर गुजारा करना पड़ा। सेक्टर अल्फा-1 निवासी वसीम खान ने कहा कि लगभग 48 घंटे के बाद जल विभाग पानी की आपूर्ति शुरू कर पाया। इससे लोगों को वॉशरूम तक जाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। घरों की छतों पर रखी टंकियों का पानी जल्दी खत्म हो गया, जिससे हालात और बिगड़ गए।

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सेक्टर अल्फा-2 निवासी सुभाष कुमार ने कहा कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा गंगाजल की आपूर्ति शुरू की गई थी। आए दिन पाइपलाइन फटने की समस्या से लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि जल विभाग के पास मरम्मत के लिए उपयुक्त औजार और संसाधन नहीं हैं। जिससे एक पाइपलाइन को ठीक करने में भी दो-दो दिन लग जाते हैं।

विभाग के पास जरूरी उपकरण तक नहीं

गोल्फ गार्डेनिया सोसाइटी निवासी अरुण कुमार ने कहा कि ग्रेटर नोएडा को एक हाइटेक शहर कहा जाता है। यहां पाइपलाइन ठीक करने के लिए भी जरूरी उपकरण उपलब्ध नहीं हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जल विभाग के अधिकारियों की घोर लापरवाही के कारण यह संकट पैदा हुआ। स्थानीय निवासियों ने प्राधिकरण से मांग की है कि जल विभाग को इस तरह की समस्याओं के लिए पहले से तैयार रहना चाहिए। जिससे भविष्य में ऐसी स्थिति दोबारा न हो। निवासियों ने जल विभाग के अधिकारियों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया और कहा कि यदि मरम्मत कार्य तेजी से किया जाता, तो हजारों लोगों को जल संकट का सामना नहीं करना पड़ता।

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