नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को 5जी वायरलेस नेटवर्क प्रौद्योगिकी मामले में अभिनेत्री जूही चावला और दो अन्य पर लगा 20 लाख रुपये जुर्माना घटाकर दो लाख रुपये करने का सशर्त प्रस्ताव रखा। इस शर्त के साथ कि उन्हें सामाजिक कार्य करना होगा। इस मामले में अब अगली सुनवाई बृहस्पतिवार को होगी। न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की खंडपीठ ने जूही चावला की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद से कहा कि जुर्माना कम किया जा सकता है, लेकिन पूरी तरह से माफ नहीं कर सकते। जुर्माना घटाकर दो लाख रुपये कर सकते हैं, लेकिन उसके लिए कुछ शर्ते भी होंगी।
जूही एक सेलिब्रिटी हैं और जनता उनसे जुड़ी है। ऐसे में किसी सार्वजनिक कार्य के लिए उनसे काम लिया जा सकता है। खंडपीठ ने कहा कि एक कार्यक्रम आयोजित किया जा सकता है, जिसमें दिल्ली राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण (डीएसएलएसए) जूही चावला से संपर्क कर उनकी उपस्थिति का प्रचार के तौर पर जनहित में उपयोग कर सकता है। साथ ही कहा कि इस कार्यक्रम में उनको सहयोग करना होगा।
खंडपीठ ने डीएसएलएसए के सचिव को नोटिस जारी कर अपील पर जवाब मांगा है। सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद ने इस मामले में निर्देश लेने के लिए समय मांगा। कुछ समय बाद उन्होंने खंडपीठ को सूचित किया कि अभिनेत्री ने इस सुझाव के लिए आभार प्रकट किया और बताया कि वह इस पर सहमत हैं।
बता दें कि स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को आधार बनाते हुए 5जी वायरलेस नेटवर्क के खिलाफ दायर अभिनेत्री जूही चावला की याचिका हाई कोर्ट की एकल पीठ ने पिछले साल जून में खारिज कर दी थी। एकल पीठ ने कहा था कि प्रचार हासिल करने के लिए यह याचिका दायर की गई थी, जोकि दोषपूर्ण है। ऐसा करते हुए पीठ ने 20 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया था। अभिनेत्री ने एकल पीठ के इस फैसले को खंडपीठ के समक्ष चुनौती देते हुए जुर्माना माफ करने की मांग की थी।