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अमेरिका में कल से लगेगा शटडाउन! क्या भारतीय बाजार पर पड़ेगा असर?

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अमेरिका में अक्टूबर महीने की शुरुआत नए संकट के साथ होने वाली है. दरअसल अक्टूबर की पहली तारीख से अमेरिका के सामने जो सकंट आने वाला है, उसे शटडाउन कहा जाता है. इस संकट में अमेरिकी सरकार और अमेरिकी सरकार की एजेंसियां लगभग ठप हो जाती हैं. कुछ आपातकालीन सेवाओं को छोड़ बाकी फेडरल एजेंसियों का काम शटडाउन में रुक जाता है.

क्यों आई शटडाउन की नौबत?

अमेरिकी सरकार के शटडाउन को टालने के लिए 29 सितंबर को अहम वोटिंग हुई. ऐसी उम्मीद थी कि हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव में फौरी उपाय को मंजूरी मिल सकती थी, जो फिलहाल 30 दिनों के लिए अमेरिकी सरकार के शटडाउन को टाल सकता था. हालांकि सारी उम्मीदें उस समय धरी की धरी रह गईं, जब हाउस में फौरी उपाय के पक्ष में सिर्फ 198 वोट आए, जबकि विरोध में 232 वोट.

हाउस में जिस उपाय को पेश किया गया था, उसमें फेडरल एजेंसियों के खर्च में कटौती और इमिग्रेशन पर रोक जैसे प्रावधान शामिल थे. इस कारण हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव में पास होने के बाद भी सीनेट में अटकने का खतरा था, क्योंकि सीनेट में राष्ट्रपति जो बाइडन की डेमोक्रेटिक पार्टी बहुमत में है.

क्या है अमेरिकी शटडाउन?

जब-जब अमेरिकी सरकार की फंडिंग को लेकर गतिरोध पैदा होता है, अमेरिका में सरकार के शटउाउन होने की नौबत आ जाती है. हालिया सालों में यह बार-बार दोहराई जाने वाली घटना बन गई है. ऐसी स्थिति में सारे नेशनल पार्क बंद हो जाते हैं. फेडरल गवर्नमेंट के करीब 40 लाख कर्मचारियों का वेतन रुक जाता है. वैज्ञानिक शोध कार्यों समेत कई ऐसी गतिविधियां प्रभावित हो जाती हैं, जो फेडरल गवर्नमेंट की फंडिंग से चलती हैं.

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इससे पहले कब हुआ शटडाउन?

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हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव में टालने के उपाय के पास नहीं होने से अब 1 अक्टूबर से अमेरिकी सरकार का शटडाउन अपरिहार्य हो चुका है. साफ शब्दों में कहें तो अब अमेरिकी सरकार के शटडाउन को टालना संभव नहीं है. यह एक दशक से कम समय में चौथा शटडाउन है. चार महीने पहले भी अमेरिकी सरकार के सामने शटडाउन का खतरा पैदा हो गया था, जिसे किसी तरह अंतिम मौकों पर टाला जा सका था. उस समय ऐसी स्थिति आ गई थी कि इतिहास में पहली बार अमेरिकी सरकार के बॉन्ड का डिफॉल्ट होने वाला था.

इकोनॉमी पर होता है क्या असर?

बार-बार शटडाउन की नौबत आने से अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ता है. अमेरिका की वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने भी इस बारे में आशंकाएं व्यक्त की हैं. उनका कहना है कि शटडाउन से अमेरिकी अर्थव्यवस्था की आगे बढ़ने की गति रुक सकती है, क्योंकि इससे छोटे व्यवसायों व बच्चों को सपोर्ट मुहैया कराने वाली जरूरी सरकारी योजनाएं कुछ समय के लिए बंद हो सकती हैं.

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