नोएडा। कोतवाली सेक्टर-49 क्षेत्र के गांव बरौला में पिछले माह हुई ई-रिक्शा चालक मेहंदी हसन की हत्या के मामले में एक और आरोपित का चेहरा बेनकाब हुआ है।
मेहंदी हसन की हत्या अचानक नहीं, बल्कि षड़यंत्र के तहत हुई थी। पुलिस ने मुख्य आरोपित अनुज के भाई टीटू को षड़यंत्र में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा दिया है। जल्द ही आरोप पत्र भी दाखिल किया जाएगा।
क्या है पूरा मामला?
मूलरूप से जिला बदायूं के मेहंदी हसन पिछले कई वर्षों से गांव बरौला में पत्नी और चार बच्चों के साथ रह रहे थे। वह ई-रिक्शा चलाते थे। वर्ष 2018 में गांव के विनोद ने मेहंदी हसन के खिलाफ जानलेवा हमला करने का मुकदमा दर्ज कराया था। करीब तीन माह जेल में रहने के बाद मेहंदी हसन जमानत पर था।
न्यायालय में सुनवाई चल रही थी। आरोप है कि रंजिश के चलते विनोद के पुत्र अनुज और उसके चचेरे भाई नितिन ने 20 जनवरी की रात मेंहदी हसन की चाकू से गोदकर हत्या कर दी। हत्या करने के बाद दोनों ने मेहंदी हसन के एक पैर को बाइक के पीछे रस्सी से बांध दिया और गांव में घुमाते हुए बरौला चाैकी में घुस गए।
शव को डेढ़ किलोमीटर तक घसीटा
दोनों ने करीब डेढ़ किलोमीटर तक मेहंदी हसन के शव को घसीटा। चौकी में पहुंचते ही दोनों आरोपितों ने आत्मसमर्पण कर दिया। अगले दिन सुबह जब पुलिस आरोपितों को लेकर घटना स्थल से हत्या में इस्तेमाल चाकू बरामद करने पहुंची तो पुलिस टीम पर हमला करके भागने की कोशिश की। जिसमें दोनों पुलिस की गोली लगने से घायल हो गए थे।
पुलिस ने दोनों आरोपितों को जेल भेजकर जांच शुरू की। इस मामले में कोतवाली प्रभारी निरीक्षक और बरौला चौकी प्रभारी को निलंबित किया गया था।
जांच में तीसरा आराेपित हुआ बेनकाब
हत्या के बाद मेहंदी हसन के शव को डेढ़ किलोमीटर तक घसीटने के मामले में शुरुआत में दो ही आरोपितों के नाम सामने आए थे। इनमें एक अनुज और दूसरा नितिन था, लेकिन जैसे ही पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कि अनुज का भाई टीटू भी इसमें शामिल था।
बताया जा रहा है कि अनुज और टीटू दोनों अपने पिता पर छह वर्ष पूर्व हुए जानलेवा हमले का बदला लेना चाहते थे। दोनों लंबे समय से मेहंदी हसन से बदला लेना चाहते थे। खौफनाक मौत देने की योजना टीटू ने ही बनाई थी। पुलिस ने हत्या में षड़यंत्र का आरोपित मानते हुए जेल भेजा है।
छह वर्ष पूर्व भी टीटू के खिलाफ दर्ज हुआ था मुकदमा
मेहंदी हसन की पत्नी नजमा ने 5 मार्च 2018 में विनोद और उसके पुत्र टीटू के खिलाफ 323,324,504 और 506 के तहत मुकदमा दर्ज कराया था।
नजमा का आरोप था कि उसके पति पर दोनों आरोपितों ने जानलेवा हमला किया था, लेकिन पुलिस ने मामूली धाराओं में मुकदमा तो दर्ज कर लिया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की थी।
नजमा का आरोप है कि यदि उस समय पुलिस ने सही कार्रवाई की होती तो आरोपितों के हौंसले इतने बुलंद न होते और आज उसके पति शायद जिंदा होते।
जल्द दाखिल होगा आरोप पत्र
एसीपी शैव्या गोयल का कहना है कि मुख्य आरोपित अनुज और नितिन को जेल भेजने के बाद पुलिस ने अनुज के भाई टीटू को भी जेल भेज दिया है। टीटू पर हत्या में षड़यंत्र रचने का आरोप है। अभी केस की जांच चल रही है। जांच पूरी होने पर न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया जाएगा।