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नोएडा को ‘गार्बेज फ्री सिटी’ बनाने में अपना योगदान देंगे CBG के 10 प्लांट

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नोएडा। शहर से निकलने वाले कचरे का नोएडा प्राधिकरण सौ प्रतिशत निस्तारण करने जा रहा है। इसके लिए शहर में 40-40 मीट्रिक टन क्षमता छोटे-छोटे बायो फ्यूल (सीबीजी) के दस प्लांट लगाएं जाएंगे। यह प्लांट पब्लिक प्राइवेट पार्टनर (पीपीपी) माडल पर संचालित होंगे, जिसमें शहर से निकलने वाला कचरा व स्थान प्राधिकरण प्लांट को उपलब्ध कराएगा, लेकिन प्लांट व मशीनरी पर खर्च चयनित कंपनी को करना होगा।

प्राधिकरण के खाते में आएगा राजस्व

इन प्लांट में तैयार होने वली कंप्रेस्ड बायोग गैस (सीबीजी) को चयनित कंपनी बाजार में बेचेगी, जिससे होने वाली आय का कुछ प्रतिशत शेयर प्राधिकरण के खाते में भी डाला जाएगा। कंपनियों को प्लांट संचालन के लिए 25 से 30 वर्ष का समय दिया जा सकता है।

हालांकि इस कार्य योजना का प्रस्ताव तैयार कर जन स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्राधिकरण के नियोजन विभाग को भेजा गया है, जिसमें स्थान चिह्नित किया जाना है। इसके बाद आगे की प्रक्रिया शुरू होगी।

बता दें कि नोएडा में अब तक नौ लाख मीट्रिक टन से अधिक लिगेसी वेस्ट का निस्तारण किया जा चुका है। शेष करीब चार लाख मीट्रिक टन लिगेसी वेस्ट को निस्तारित करने के लिए समय सीमा का निर्धारण किया जा रहा है, लेट लतीफ होने से दिसंबर के अंत तक कार्य पूरा कर लिया जाएगा।

इस व्यवस्था पर काम करने वाला नोएडा उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि एनसीआर का पहला शहर बन जाएगा। जहां पर कचरा एकत्र करने के लिए कोई भी डंपिंग ग्राउंड नहीं होगा।

वर्तमान में नोएडा प्राधिकरण की ओर से शहर से निकलने वाले गीला कचरा निस्तारण के लिए सेक्टर-145 स्थित मुबारिकपुर में अस्थाई डंपिंग ग्राउंड बनाया गया है। जहां पर वैज्ञानिक पद्धति से लिगेसी वेस्ट को रिफ्यूज ड्राइव फ्यूल (आरडीएफ) में तब्दील किया जा रहा है, जिसका इस्तेमाल सीमेंट फैक्ट्री, थर्मल पावर प्लांट, पेंट इंडस्ट्री में ग्रीन फ्यूल के रूप में हो रहा है।

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कुछ चुनौतियां पर काम करना बाकी

लिगेसी वेस्ट को पूरी तरह खत्म कर ‘गार्बेज फ्री सिटी’ अवश्य बन जाएगा नोएडा, लेकिन शहरवासियों को गीला कचरा निस्तारण में बहुत अधिक मेहनत करने की आवश्यकता है। बल्क वेस्ट जेनरेटर अभी अपना काम ईमानदारी से नहीं कर रहे है।

इंदौर, सूरत, विजयवाडा, अम्बिकापुर में सोसायटी व घरों से कचरा बाहर ही नहीं आता है। हर घर व सोसायटी में कंपोस्ट प्लांट लगा है, जो गीला कचरा पूरी तरह से निस्तारित कर लेते है। बल्क वेस्ट जेनरेटर अपना संपूर्ण कचरा खुद ही निस्तारित करते है। नगर निगम व प्राधिकरण शेष मिट्टी ही उठाता है।

शहर से प्रतिदिन निकलने वाला कचरा 

          वर्ग             संख्या

  • गीला कचरा-     800 मीट्रिक टन
  • ठोस कचरा-      600 मीट्रिक टन
  • वीट वेस्ट-          358 मीट्रिक टन
  • उद्यानिक कचरा- 300 मीट्रिक टन
  • मेडिकल वेस्ट-    400 मीट्रिक टन
  • इलेक्ट्रानिक्स वेस्ट- 500 मीट्रिक टन
  • सीएंडडी वेस्ट-    300 मीट्रिक टन

अब तक निस्तारित कचरा 

        स्थान                                 संख्या

  • सेक्टर-54                       एक लाख मीट्रिक टन
  • सेक्टर-145 मुबारिकपुर     आठ लाख मीट्रिक टन (अबतक)
  • सेक्टर-145 मुबारिकपुर      करीब चार लाख मीट्रिक टन (शेष)
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