वॉशिंगटन: अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई हमले के दोषी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही मामले में उसकी दोषसिद्धि के खिलाफ समीक्षा याचिका को भी खारिज कर दिया है. बता दें, 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के मामले में वांछित पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक राणा के प्रत्यर्पण की मांग भारत कर रहा था.
जानकारी के मुताबिक यह राणा के लिए भारत को प्रत्यर्पित न किए जाने का आखिरी कानूनी मौका था. बता दें, भारत काफी लंबे समय से उसके प्रत्यपर्ण की मांग कर रहा था. अब वह दिन दूर नहीं, जब वह भारत के शिकंजे में होगा. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन के शासनकाल में कई बार राणा को भारत सौंपने की मांग की थी.
साल 2008 में हुए मुंबई हमलों में करीब 166 से ज्यादा निर्दोष लोगों को मार दिया गया था. यह हमला 60 घंटे तक चला था. तहव्वुर राणा ने बचने के लिए तमाम प्रयास किए, लेकिन उसे सफलता नहीं मिली. उसने अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की थी, उसे वहां भी मुंह की खानी पड़ी.
इससे पहले, वह सैन फ्रांसिस्को में उत्तरी सर्किट के लिए अमेरिकी अपील न्यायालय सहित कई संघीय अदालतों में कानूनी लड़ाई हार चुका है. 13 नवंबर को राणा ने अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के एक दिन बाद 21 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने इसे अस्वीकार कर दिया. राणा फिलहाल लॉस एंजिल्स के मेट्रोपोलिटन डिटेंशन सेंटर में हिरासत में है.
जानिए कौन है तहव्वुर राणा
मुंबई हमले के दोषी तहव्वुर राणा पर आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के एक्टिव मेंबर होने का भी आरोप है. उसने इस हमले के मास्टरमाइंड डेविड कोलमैन हेडली की मदद भी की थी. बता दे, मुंबई में कहां-कहां हमले किए जाएंगे, इसको लेकर राणा ने रेकी की थी. इसके बाद उन जगहों की लिस्ट पाकिस्तान को सौंपी थी. तहव्वुर राणा, डेविड कोलमैन हेडली और दाउद सईद गिलानी तीनों बचपन के दोस्त हैं. हेडली एक अमेरिकी नागरिक है.