अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन से आयातित सामानों को टारगेट करते हुए टैरिफ को बढ़ा दिया. 8 दिन में तीसरी बार टैरिफ बढ़ाया गया और ये नई दरें गुरुवार से प्रभावी भी हो गई. इसके बाद वाशिंगटन की तरफ से बीजिंग के कई प्रोडक्ट्स पर लगाए जानेवाला टैरिफ की नई दरें 145 प्रतिशत तक हो गई है. व्हाइट हाउस की तरफ से इस बात की पुष्टि की गई. हालांकि, कई देशों को ट्रंप ने राहत देते हुए टैरिफ नई टैरिफ दरों पर 90 दिनों के लिए ब्रेक भी लगा दिया है.
लेकिन, चीन के ऊपर टैरिफ की दरें करीब दोगुनी कर दी गई, जिसमें 125 प्रतिशत चीन के आयातित सामानों पर लगने वाले टैरिफ के साथ ही फेंटाइल सप्लाई में बीजिंग की कथित भूमिका को लेकर इस साल की शुरुआत में उसके ऊपर 20 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ लगाया गया था.
सीएनबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, व्हाइट हाउस के अधिकारी ने कहा कि इस नई बढ़ोतरी के चीन के ऊपर अमेरिका की तरफ से लगाए गए टैरिफ का कुल रेट 145% होगी. इसमें फेंटेनाइल की तस्करी में बीजिंग की कथित भूमिका को लेकर लगाए गए बीस प्रतिशत टैरिफ भी है. साथ ही, चीना सामानों पर लागू किए गए नए टैरिफ 125 प्रतिशत भी है.
फेंटेनाइल एक शक्तिशाली सिंथेटिक ओपिओइड ड्रग है, जो दर्द निवारक और एनेस्थेटिक के रुप में इस्तेमाल किया जाता है. राष्ट्रपति ट्रंप का कहना है कि फेंटेनाइल ड्रग्स बहुत बड़ी मात्रा में चीन से बनाई जाती है और वहीं से सप्लाई होती है. ये फेंटेनाइल मॉर्फिन से करीब 100 गुणा और हेरोइन से पचास गुणा ज्यादा शक्तिशाली होती है.
हालांकि टैरिफ के इस दायरे से एल्युमिनियम और कुछ अन्य चीजों को बाहर रखा गया है क्योंकि ट्रंप ने उस पर अलग से 25 प्रतिशत का टैरिफ लगाया हुआ है. इसके साथ ही, नए टैरिफ की दरें कॉपर, फार्मास्युटिकल्स, एनर्जी प्रोडक्ट्स पर भी प्रभावी नहीं होंगी, क्योंकि ट्रंप ने संकेत दिया है कि वे इस पर अलग से टैरिफ लगाएंगे. ऐसे में वाशिंगटन और बीजिंग के बीच चल रहे व्यापारित तनाव के बीच टैरिफ को लेकर तस्वीरें और जटिल हो गई है.