हैदराबाद: पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत के चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर का बॉलीवुड की कई हस्तियों ने खुलकर समर्थन किया है. हालांकि भारतीय सिनेमा अपने फिल्मों के जरिए सैन्य के इतिहास को उजागर करती रही है. फिल्मों ने हमेशा देश के सैन्य इतिहास से प्रेरणा ली है और वास्तविक जीवन की लड़ाई को सिनेमा के जरिए लोगों के सामने रखा. उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक, शेरशाह जैसी फिल्मों ने दिखाया है कि कैसे राष्ट्रीय सुरक्षा की कहानियां दर्शकों के दिलों को छू सकती हैं और बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा सकती हैं. इन घटनाओं के बाद अब, एक नया ऑपरेशन इसमें शामिल होने के लिए तैयार है.इस नए ऑपरेशन का नाम है- ऑपरेशन सिंदूर.
फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज (FWICE) के अध्यक्ष बीएन तिवारी ने एक मीडिया को बताया कि, 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत के पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी शिविरों पर सटीक हमले करने के बाद, कई प्रोड्यूसर ने ऑपरेशन सिंदूर टाइटल के लिए आवेदन किया है.
उन्होंने बताया कि करीब 15 फिल्म मेकर्स और स्टूडियो ने इस टाइटल को हासिल करने के लिए इंडियन मोशन पिक्चर प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन में अपने आवेदन भरे हैं. फिल्म इंडस्ट्री में ऐसे टाइटल को हासिल करने के लिए आम बात है.
एक मीडिया ने फिल्म मेकर अशोक पंडित से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ टाइटल के रजिस्ट्रेश के बारे में सवाल किया. इस पर अशोक पंडित ने कहा, ‘हां, मैंने भी ऑपरेशन सिंदूर के टाइटल के लिए रजिस्ट्रेशन के लिए एप्लाई किया है. इस पर कोई फिल्म बनेगी या नहीं, यह अभी भी दूर की बात है, लेकिन फिल्म मेकर्स और प्रोड्यूसर के रूप में, हम अक्सर कुछ दिलचस्प होने पर टाइटस रजिस्ट्रेशन करते हैं. यह किसी भी फिल्म मेकर्स के लिए पहला और महत्वपूर्ण कदम होता है, क्योंकि टाइटल के बिना, आप फिल्म की योजना भी शुरू नहीं कर सकते.’
उन्होंने कहा, ‘जिन लोगों ने टाइटल के लिए रजिस्ट्रेस किया है, उन्होंने घटना घटने के बाद ऐसा किया है. इसका मतलब यह नहीं है कि वे सभी फिल्म बनाएंगे, लेकिन रजिस्ट्रेश करने से उन्हें इसे और आगे बढ़ाने का विकल्प मिलता है. मैं इस विषय से बहुत अच्छी तरह से वाकिफ हूं. मैं जानता हूं कि इस देश ने क्या-क्या झेला है, हम 30-35 सालों से पीड़ित के रूप में इस लड़ाई को लड़ रहे हैं. इसलिए मैं इस आतंकवादी देश की अखंडता को जानता हूं. यह मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण विषय है, क्योंकि मैं पाकिस्तान के कारण सीधे तौर पर पीड़ित रहा हूं. हमने उनके हाथों सबसे भयानक नरसंहार झेला है.’
अशोक ने आगे कहा, ‘जब भी कोई बड़ी राष्ट्रीय घटना होती है तो फिल्म प्रोड्यूसर उस घटना का टाइटल पर अपना दावा ठोकने के लिए आगे आते हैं. भले ही इस पर कोई फिल्म बने या ना बने, लेकिन वे उस घटना का टाइटल को सुरक्षित रखते हैं. इसके लिए वे बकायदा रजिस्ट्रेशन भी कराते हैं. हालांकि, ‘उरी’, ‘वॉर’, ‘फाइटर’ जैसी फिल्मों की सफलता के बाद फिल्म मेकर यह समझ चुके हैं कि युद्ध पर बनी फिल्में अभी भी एक लोगों को पसंद आती है. इसलिए वे जानते हैं कि किसी दिन ऑपरेशन सिंदूर पर भी एक फिल्म बनेगी,जिसके लिए वह इस पर काम करना चाहेंगे.’
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर का टाइटल हासिल करने की रेस में सबसे आगे महावीर जैन की कंपनी है, जिसने सबसे पहले इस टाइटल को अपने नाम से रजिस्ट्रेस कराया था. इसके अलावा, अशोक पंडित, फिल्म मेकर मधुर भंडारकर और टी-सीरीज, जी स्टूडियो जैसे स्टूडियो ने भी इसके लिए अप्लाई किया है.