Home Breaking News दिव्यांग के बैंक खाते में आए लाखों रुपये, दो महीने में ही कर दिए खर्च, पुलिस ने दर्ज किया केस
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दिव्यांग के बैंक खाते में आए लाखों रुपये, दो महीने में ही कर दिए खर्च, पुलिस ने दर्ज किया केस

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उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के नवाबगंज क्षेत्र के रत्नानंदपुर गांव में रहने वाला पुनीत कुमार आंशिक रूप से दिव्यांग है. उसका घर कच्चा और टूटी खपरैल से ढका हुआ है. आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर है. लेकिन हैरानी की बात तब सामने आई जब पुलिस को सूचना मिली कि पुनीत के खाते में 97.24 लाख रुपए का लेनदेन हुआ है. यह लेनदेन 15 जुलाई से 18 सितंबर 2024 के बीच हुआ.

मामला फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट इंडिया (FIU-IND) की रिपोर्ट से सामने आया. रिपोर्ट में बताया गया कि पुनीत के खाते में अचानक करोड़ों की रकम आई और फिर उसी दिन अन्य खातों में ट्रांसफर कर दी गई. एसएसपी अनुराग आर्य ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच टीम बनाई और नवाबगंज थाना पुलिस को कार्रवाई का आदेश दिया.

पुलिस ने जब गहनता से जांच की तो मालूम हुआ कि यह लेनदेन असामान्य और संदिग्ध है. उसके बाद पुनीत के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है. नवाबगंज थाना के दरोगा विजय सिंह ने जब पुनीत के घर जाकर जांच की तो पाया कि पुनीत की घर की हालत, रहन-सहन और आमदनी के स्रोत बैंक स्टेटमेंट से बिल्कुल मेल नहीं खाते. न मकान पक्का है, न आय का कोई ठोस जरिया, फिर भी खाते में बार-बार लाखों की रकम आना संदेह पैदा कर रहा था.

रिपोर्ट से हुआ खुलासा

दरोगा ने जांच रिपोर्ट तैयार कर थाना प्रभारी राहुल सिंह को सौंपी है जिसके बाद पुनीत पर रिपोर्ट दर्ज की गई. पुनीत ने जनवरी 2024 में लाईखेड़ा गांव में पुनीत एग्रो नाम से वेल्डिंग की दुकान शुरू की थी, लेकिन वह सफल नहीं हो पाया. इसके बाद उसने गांव में ही दुकान खोली. जिसे उसके पिता चलाने लगे. फिर पिता बीमार पड़ गए तो दुकान भी बंद हो गई. इसके बाद पुनीत ने बरेली के कॉल सेंटर में नौकरी की, फिर रुद्रपुर गया, लेकिन वहां भी काम नहीं मिला. अंत में वो घर लौट आया. कुल मिलाकर उसकी कमाई का कोई स्थायी जरिया नहीं था.

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पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि जिस दिन खाते में पैसा आता था. उसी दिन वह दूसरे खातों में भेज दिया जाता था. यह तरीका हवाला और साइबर ठगी के तरीकों से मेल खाता है. ऐसे में पुलिस को शक है कि यह सारा लेनदेन किसी बड़े नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है.

पुलिस कर रही जांच

पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह भी आशंका है कि साइबर अपराधी मजदूर वर्ग या गरीब लोगों से उनके दस्तावेज लेकर खाते खुलवाते हैं. फिर उन्हीं खातों में ठगी का पैसा ट्रांसफर करवाकर निकाल लिया जाता है. बदले में खाताधारक को कुछ पैसे दे दिए जाते हैं. ऐसे ही किसी जाल में शायद पुनीत भी फंसा हो, या फिर जानबूझकर इसमें शामिल हो.

एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि FIU की रिपोर्ट के बाद जिले में ऐसे कई संदिग्ध खातों की जांच की जा रही है. पुनीत के मामले में जांच चल रही है. अगर वह दोषी पाया गया तो उस पर चार्जशीट दाखिल कर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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