पशु प्रेमी आवारा कुत्तों को सोसाइटी के मेन गेट, सीढ़ियों, खेल मैदान के पास सहित सार्वजनिक स्थानों पर खाना नहीं खिला सकेंगे। इसके साथ ही कुत्तों को खाना खिलाने का समय भी निश्चित करना होगा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने इस संबंध में एक कार्यालय आदेश जारी किया है।
आदेश के मुताबिक, आरडब्ल्यूए/ एओए से सोसाइटी परिसर में आवारा कुत्तों की संख्या, खाना खिलाने के लिए चिह्नित स्थान करने सहित डिटेल रिपोर्ट एक माह के भीतर मांगी है। आवारा कुत्तों को खाना खिलाने और उसके स्थान को लेकर ग्रेटर नोएडा की हाउसिंग सोसाइटियों में रहने वाले लोगों के बीच आए दिन विवाद होते रहते हैं। कई बार पुलिस कार्रवाई तक भी मामला पहुंच चुका है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के पूर्व में जारी किए गए निर्देश के बाद भी विवाद के कई मामले सामने आ रहे हैं। इसको देखते हुए प्राधिकरण ने 24 अप्रैल 2025 को कार्यालय आदेश जारी किया।
आरडब्ल्यूए और एओए को एक बार जरूरी दिशा निर्देश दिया। इसमें प्राधिकरण ने यह स्पष्ट कर दिया कि पशु जन्म नियंत्रण नियम- 2023 के तहत आवारा पशुओं के लिए खाने के स्थान को लेकर आरडब्ल्यूए/ एओए और खाना खिलाने वाले को एहतियात बरतना चाहिए। वहीं, लोगों की सुरक्षा का ध्यान रखा जाना चाहिए।
प्राधिकरण अधिकारी का कहना है कि कुत्तों को भोजन खिलाने के लिए स्थान का चयन खाना खिलाने वाले व्यक्ति और संबंधित आरडब्ल्यूए, एओए को आपसी सहमति के आधार पर किया जाना है। यह स्थान बच्चों के खेलने के क्षेत्र, एंट्री और एग्जिट गेट और सीढ़ियों के पास नहीं होंगे। खाना खिलाने वाला व्यक्ति यह सुनिश्चित करेगा कि उस स्थान पर कोई गंदगी न हो और आरडब्ल्यूए के बनाए गए दिशानिर्देशों का उल्लंघन न हो।
प्राधिकरण के ओएसडी अभिषेक पाठक की ओर से जारी किए गए कार्यालय आदेश के मुताबिक आरडब्ल्यूए/ एओए को सेक्टर/सोसाइटी का नाम, पता, क्षेत्रफल, आवारा कुत्तों की संख्या, खाना खिलाने के लिए चिन्हित किए गए स्थान, नसबंदी और टीकाकरण की संख्या आदि जानकारी एक माह के भीतर देनी होगी।
अभिषेक पाठक, ओएसडी, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण, ”आवारा कुत्तों को भोजन खिलाने को लेकर अक्सर विवाद होता रहता है। मामले की गंभीरता को देखते हुए इस विवाद को सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है। आरडब्ल्यूए/एओए को इस संबंध में जरूरी दिशानिर्देश देते हुए कुत्तों की संख्या, फीडिंग पॉइंट्स सहित विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। हेल्पलाइन शुरू करने, नसबंदी और टीकाकरण कार्यक्रम के तहत प्रदान की जाने वाली मेडिकल देखभाल की सुविधा भी बढ़ाई जाएगी।”