लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश के नाम उद्बोधन को आतंक के खिलाफ ‘नए भारत’ की नीति का स्पष्ट ऐलान बताया है। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं, ये बहन-बेटियों के सम्मान की रक्षा का संकल्प है। जो हमारी माताओं-बहनों के माथे से सिंदूर मिटाने का दुस्साहस करेगा, उसका मिट्टी में मिलना तय है। भारत अब चुप नहीं बैठेगा, हर वार का जवाब हमारी शर्तों पर होगा। सेना को नमन और प्रधानमंत्री का राष्ट्रवादी नेतृत्व के लिए अभिनंदन। हम भारतवासियों के लिए राष्ट्र ही सर्वोपरि रहेगा।
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, ”जो भारत की बहन-बेटियों का सिंदूर मिटाने चले थे, भारतीय सेनाओं के अदम्य शौर्य ने उन्हीं की जमीन पर चलने वाले उनके आतंक के कारखानों का समूल ध्वस्त कर दिया। आपरेशन सिंदूर भारत की आत्मा पर हुए हमले का सीधा, सटीक और निर्णायक जवाब था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज का नया भारत अब चुप नहीं रहता बल्कि ईंट का जवाब पत्थर से देता है। प्रधानमंत्री को इस अडिग राष्ट्रवादी नेतृत्व के लिए हृदय से आभार एवं भारतीय सेनाओं के अद्भुत पराक्रम को शत-शत नमन।”
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने कहा, ”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के राष्ट्र के नाम संबोधन में पाकिस्तान द्वारा पोषित आतंकवाद के खिलाफ भारत की अद्वितीय सैन्य ताकत और अद्भुत प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया है कि भविष्य में अगर पाकिस्तान से कभी बात होगी तो केवल आतंकवाद और पीओके पर ही होगी। प्रधानमंत्री ने आपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेनाओं के अद्भुत शौर्य और पराक्रम की भी खुल कर सराहना की है। प्रत्येक भारतीय को मां भारती की वीर सेनाओं पर गर्व है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में पाकिस्तान के लिए भविष्य में भारत के साथ किसी भी तरह के संपर्क-संबंध के लिए पहली बार इतने साफ तौर पर तीन शर्तें निर्धारित कर दीं। भारत के साथ कश्मीर समेत तमाम मुद्दों पर किसी तीसरे देश में अथवा किसी देश की मध्यस्थता में बातचीत का सपना देख रहे पाकिस्तान को पीएम मोदी ने दो-टूक अंदाज में यह बता दिया कि भारत का मत एकदम स्पष्ट है। टेरर और टाक एक साथ नहीं हो सकते, टेरर और ट्रेड एक साथ नहीं चल सकते और पानी और खून भी एक साथ नहीं बह सकता। स्पष्ट है कि वार्ता तो दूर जो व्यापार रुका है फिलहाल वह भी शुरू नहीं होने वाला है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में जिस तरह यह साफ कहा कि आतंकवाद का सिलसिला जारी रहने के साथ पाकिस्तान को भारत से पानी नहीं मिलेगा, उससे यह पूरी तरह स्पष्ट हो गया है कि इस समझौते पर पुनर्विचार की कोई गुंजाइश नहीं रह गई है। अब जो भी फैसला होगा वह भारत अपने हितों को ध्यान में रखते हुए लेगा।