वर्तमान वैश्विक और राष्ट्रीय परिस्थितियों को देखते हुए, जीएसीएस आज देश की सेना के महत्व को रेखांकित करता है। हमारी सीमाओं की सुरक्षा और राष्ट्र की संप्रभुता की रक्षा में हमारे सैनिकों का अटूट समर्पण और बलिदान अतुलनीय है।
राहुल लाल का मानना है कि यह समय है जब समाज के प्रत्येक वर्ग को हमारी सेना के प्रति अपना आभार व्यक्त करना चाहिए। सैनिकों, चाहे वे सेवारत हों या सेवानिवृत्त, ने हमेशा देश के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर किया है। अब हमारी बारी है कि हम उन्हें यह महसूस कराएं कि उनका योगदान कितना महत्वपूर्ण है।
इसी भावना के साथ, समीर सक्सेना ने सभी सामाजिक और कॉर्पोरेट क्षेत्रों से आह्वान किया है कि वे हमारे सैनिकों को अपने आयोजनों में शामिल करें। हम चाहते हैं कि सेवानिवृत्त और वर्तमान जवान हमारे साथ होली, दिवाली जैसे त्योहारों, पुरस्कार वितरण समारोहों और कार्यालय के उद्घाटन जैसे महत्वपूर्ण अवसरों पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराएं। यह न केवल हमारे सैनिकों का सम्मान होगा, बल्कि यह समाज के अन्य सदस्यों को भी प्रेरित करेगा और सेना तथा नागरिकों के बीच एक मजबूत बंधन स्थापित करेगा। अजीत पाण्डेय ने कहा है कि इस तरह के समावेशी कदम से हमारे सैनिकों का मनोबल बढ़ेगा और उन्हें यह महसूस होगा कि राष्ट्र उनके साथ खड़ा है। यह हमारे युवाओं को भी सेना में शामिल होने और देश की सेवा करने के लिए प्रेरित करेगा।
आइए, हम सब मिलकर अपने वीर जवानों का सम्मान करें और उन्हें समाज के हर पहलू में शामिल करें।