Home Breaking News संत और विहिप भड़के भगवान राम पर नेपाली प्रधानमंत्री के बयान से
Breaking Newsउत्तरप्रदेशउत्तरप्रदेशधर्म-दर्शनराज्‍यराष्ट्रीय

संत और विहिप भड़के भगवान राम पर नेपाली प्रधानमंत्री के बयान से

Share
Share

अयोध्या। नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली के भगवान राम पर दिये गये बयान पर अयोध्या के संतों और विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने नाराजगी जताई है। संतो ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया में कहा कि अयोध्या और भगवान राम का इतिहास पूरी दुनिया को पता है। यह सर्वविदित है इसका इतिहासों, पुराणों में उल्लेख है।

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने कहा, “भगवान राम चक्रवर्ती सम्राट थे। नेपाल सहित अनेक देश उनके संरक्षण में रहे। अयोध्या के संबंध नेपाल से त्रेता युग से हैं। आज भी अयोध्या से बरात जनकपुर जाती है। लाखों वर्ष पुरानी परंपरा चली आ रही है। लाखों वर्ष पुरानी परंपरा और सनातनी व्यवस्था के खिलाफ बोलना उचित नहीं है। इसे रामभक्त बर्दाश्त करने वाले नहीं है। नेपाली प्रधानमंत्री का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्हें इस पर माफी मांगनी चाहिए। भगवान राम उन्हें सद्बुद्धी दे। अयोध्या तो वेद वर्णित है। इसका उल्लेख विदेशी ग्रन्थों में है। भगवान राम सर्व समाज के हैं। कण कण में व्याप्त है।”

हनुमान गढ़ी के महंत राजूदास ने कहा, “नेपाली प्रधानमंत्री के बयान इतिहास के विपरीत है। चायना के साये में चल रहे ओली की बुद्घी भ्रष्ट हो गयी है। इसलिए अनाप-सनाप बोल रहे है। नेपाली नगरिकों की भारत में आस्था है। भगवान राम वेद, उपनिषद ग्रन्थों में हर जगह व्याप्त है। नेपाली प्रधानमंत्री को अपने बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए।”

विश्व हिन्दू परिषद के क्षेत्रीय संगठन मंत्री अम्बरीश कुमार ने कहा, “भगवान राम का जन्म स्थल अयोध्या है। इसकी व्यख्या इतिहासों और पुराणों में है। राम के प्रति करोड़ो हिन्दुओं की आस्था है। नेपाली प्रधानमंत्री का दिमाग स्वस्थ्य नहीं है। इसलिए वह कुछ भी बोल सकते है। उनसे कोई भी कुछ बुलवा सकता है। भगवान राम वेद, रामायण या पुराण में देख लीजिए, उसमें साफ लिखा है कि जहां सरयू है, वहां अयोध्या है। इसलिए उन्हें अपने बयान पर माफी मांगनी चाहिए।”

See also  सर्दी के गर्म कपड़ों का वितरण किया गया

विहिप के प्रवक्ता शरद शर्मा ने कहा, “नेपाली प्रधानमंत्री ओली का दिमागी संतुलन बिगड़ गया है। इसीलिए वह भारत के साथ रोटी बेटी के संबंधो को पलीता लगाने में जुटे हैं। भगवान राम के बारे में उन्हें इतिहास ,वेद पुराण और अन्य धर्मग्रन्थों को उठाकर देखना चाहिए, तब पता चल जाएगा। उनका बयान निदंनीय है। इसकी उपेक्षा की जानी चाहिए।”

हनुमान गढ़ी धर्मार्थ सेवा ट्रस्ट के महंत रामदास ने कहा कि नेपाली प्रधानमंत्री चाइना के दबाव में अर्नगल प्रलाप कर रहे हैं। उनकी सरकार को इस समय वहां खुद खतरा है। ऐसे में वह पहले अपनी सरकार बचाएं। फिर अनाप-शनाप बोलें। वह हिन्दु धर्म की आस्था को चोट पहुंचाने वाले बयान पर माफी मांगे।

गौरतलब है कि नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने काठमांडु में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, “अयोध्या असल में नेपाल के बीरभूमि जिले के पश्चिम में स्थित थोरी शहर में है। भारत दावा करता है कि भगवान राम का जन्म वहां हुआ था। उसके इसी लगातार दावे के कारण हम मानने लगे हैं कि देवी सीता का विवाह भारत के राजकुमार राम से हुआ था। जबकि असलियत में अयोध्या बीरभूमि के पास स्थित एक गांव है। नेपाल के प्रधानमंत्री ओली ने भारत पर सांस्तिक अतिक्रमण का आरोप लगाते हुए कहा, भारत ने एक नकली अयोध्या का निर्माण किया है।”

उन्होंने दावा किया कि बाल्मिकी आश्रम नेपाल में है और वह पवित्र स्थान जहां राजा दशरथ ने पुत्र के जन्म के लिए यज्ञ किया था वह रिदि है। उन्होंने कहा कि दशरथ पुत्र राम एक भारतीय नहीं थे और अयोध्या भी नेपाल में है। ओली ने अजीबोगरीब दलील देते हुए कहा कि जब संचार का कोई तरीका ही नहीं था तो भगवान राम सीता से विवाह करने जनकपुर कैसे आए?

Share
Related Articles
Breaking Newsव्यापार

Flipkart का IPO से पहला बड़ा कदम, सिंगापुर से ‘घर वापसी’ की तैयारी, जानिए क्यों किया जा रहा है ऐसा

नई दिल्ली: ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस फ्लिपकार्ट को कथित तौर पर कंपनी के बेस या...

Breaking Newsखेल

‘थप्पड़ कांड’ से गरमाया माहौल, सीधे जमीन पर गिरा खिलाड़ी, VIDEO वायरल

IPL में हरभजन सिंह और एस. श्रीसंत के बीच का ‘थप्पड़ कांड’...