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अभी एक अनामिका शुक्ला पकड़ी नहीं गई और सामने आ गई दो और अनामिका, आवासीय विद्यालयों में 3-3 फ़र्ज़ी टीचर

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नीरज शर्मा की रिपोर्ट

पूरे उत्तर प्रदेश में अनामिका शुक्ल कांड ने तहलका मचाया हुआ है। बुलंदशहर के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में फर्जी तरीके से नियुक्ति पाकर रच रहे एक और अनामिका शुक्ला कांड। अनामिका शुक्ला के नाम पर नियुक्ति का एक मामला बुलन्दशहर में भी प्रकाश में आया था, अभी उस अनामिका शुक्ला तक महकमा पहुंच भी नहीं पाया क्योंकि महकमे के अधिकारी टीम का गठन कर जांच का दावा करते रहे, लेकिन वहीं अब ऐसे में दो और फ़र्ज़ी नियुक्ति के मामले सामने आए है। प्रीति और अंजली नाम की 2 शिक्षिकाएं भी फर्जी नियुक्ति पाकर वर्षों बुलंदशहर के कस्तूरबा विद्यालयों में पढ़ा कर और वेतन लेकर यहां से फरार हो गई और शिक्षा विभाग के अफसर अभी भी जांच ही कर रहे हैं। रिपोर्ट देखें।

शासन की मंशा के मुताबिक अब फर्जी अनामिका नाम के अध्यापकों की मुश्किलें बढ़ना भी लाजमी है, क्योंकि जेल जाने के साथ-साथ फ़र्ज़ी टीचरों से मानदेय के रूप में दी गई सैलरी भी वसूली जाएगी। बुलंदशहर जिले की अगर बात की जाए तो बुलन्दशहर में स्याना तहसील अंतर्गत कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में अनामिका शुक्ला नाम से वार्डन का आज तक भी विभाग पता नहीं लगा पाया, इस फर्जी अनामिका शुक्ला ने स्याना कस्तूरबा स्कूल में 25 जुलाई 18 से 14 मई 2019 तक काम किया और मानदेय भी सरकार से लिया हालांकि अब एक पूरे प्रकरण में एफआईआर दर्ज की जा रही है और दावा किया जा रहा हैं कि जो भुगतान उसने इस दौरान यहां से पाया है उसकी भी रिकवरी की जायगी। अफसरों का कहना है कि मुकदमा लिखे जाने की तैयारियां यहां की जा रही हैं। वही दूसरी और फ़र्ज़ी अनामिका शुक्ला जांच करते करते विभाग को दो और फ़र्ज़ी शिक्षिकाओं की जानकारी मिल रही है। जिनमें एक खुर्जा के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में गृह विज्ञान की अध्यापिका थी तो वहीं दूसरी शिक्षिका लखावटी के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में साइंस की टीचर थी। सूचना के बाद से ही दोनों शिक्षिकाएं फरार हैं, इतना ही नहीं विभाग के पास इनकी कोई जानकारी भी नहीं है, माना जा रहा है कि पिछले कई साल से दोनों ही फर्जी तरीके से नियुक्ति पाकर कस्तूरबा गांधी विद्यालय में नौकरी कर रही थीं ।चौंकाने वाली बात तो यह है कि विभाग के पास अभी ऐसा कोई आधार नहीं है, जिससे इन्हें पकड़ा जाए। हालांकि बुलंदशहर बीएसए अखंड प्रताप ने जांच टीम को दोनों शिक्षाओं की के बारे में जानकारी लेने के लिए टीम को फरुखाबाद और हरदोई भेजा था।

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ताकि दोनों फर्जी टीचरों ने जिन स्कूलों के प्रणाम पत्र नौकरी पाने के लिए उपयोग किए थे वह सही है या गलत टीम ने फर्रुखाबाद जाकर अंजली के प्रमाण पत्रों की जांच की तो पता लगा कि अंजली नाम की किसी लड़की ने इस विद्यालय से पढ़ाई ही नहीं की है ऐसा ही मामला हरदोई जाकर भी प्रीति के बारे में सामने आया इस प्ले जानकारी दी कि इस नाम की लड़की ने कभी उनके यहां से पढ़ाई नहीं की और यह प्रमाण पत्र फर्जी हैं जिसके बाद टीम को वहां से भी खाली हाथ लौटना पड़ा। लेकिन जानकर हैरानी होगी कि अनामिका शुक्ला के नाम से कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में तैनात रही अनामिका का तो फोटो तक भी विभाग के पास नहीं है, जबकि अब तो दो और शिक्षिकाओं का मामला सामने आ गया है।

ऐसे में विभाग में अजीबोगरीब स्थिति उत्पन्न हो गई है, इस बारे में बेसिक शिक्षा अधिकारी अखंड प्रताप सिंह का कहना है कि गहनता से जांच करा रहे हैं, दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने बताया कि एक टीम का गठन किया गया है और इसमें तेजी से टीम अपना काम कर रही हैं। बड़ा सवाल यह है कि आखिर जिले में फर्जी तरीके से नियुक्ति पाने वाली ये फ़र्ज़ी वार्डन और टीचर किस आला अधिकारी के रहमों करम पर नौकरी करते रहे और वेतन भी पाते रहे और उनको पकड़ा क्यों नहीं गया। अब जब यहां से यह शिक्षिकाएं फरार हो गई तो ऐसे में विभाग अंधेरे में सुई ढूंढने का काम कर रहा है।

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