Home Breaking News संसद का मानसून सत्र कोविड महामारी के मध्य शुरू होगा सोमवार से
Breaking Newsदिल्लीराज्‍यराष्ट्रीय

संसद का मानसून सत्र कोविड महामारी के मध्य शुरू होगा सोमवार से

Share
Share

नीति गोपेंद्र भट्ट -नई दिल्ली । कोविड महामारी के मध्य कल सोमवार चौदह सितम्बर से संसद का असाधारण मानसून सत्र शुरू होगा।इस बार मानसून सत्र में उम्रशुदा और बीमार सांसदों के भाग लेने में अभी भी संशय बना हुआ है। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कुछ अन्य केन्द्रीय मंत्री और सांसदगण कोविड -19 का उपचार करवा हाल ही अस्तपालों से लोटें है। कुछ उपचाररत भी हैं।
विपक्षी दलों में भी काँग्रेस की अन्तरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी कुछ समय पूर्व अपने नियमित स्वास्थ्य परीक्षण के लिए अस्पताल में भर्ती हुई थी। इसी प्रकार पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह भी भर्ती हुए थे और उनकी उम्र बहुत अधिक है। पक्ष प्रतिपक्ष के अन्य कई नेता बुजुर्ग है और कई सांसद किसी न किसी बीमारी से पीड़ित है ।ऐसे में कोरोना के प्रकोप के चलते उनका संसद सत्र में भाग लेना सुनिश्चित नही हैं । सोनिया गांधी अपने नियमित स्वास्थ्य परीक्षण के लिए सत्र शुरू होने से पहले ही अमरीका रवाना हो गई है । उनके साथ राहुल गांधी भी गए है। कांग्रेस की ओर से बताया गया है कि यें दोनों अमरीका से वापस लौट कर संसद सत्र में भाग लेंगे।

कोविड -19 की वैश्विक महामारी की विपरीत परिस्थितियों में आयोजित हो रहे इस असाधारण सत्र के लिए उपराष्ट्रपति और संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा के सभापति एम वैंकया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अपने-अपने सदन के लिए की गई तैयारियों का जायज़ा लिया है। सत्र में भाग लेने वाले सांसदों और दोनों सदनों की कार्यवाही का संचालन करने में सहयोगी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए स्वास्थ्य प्रोटोकोल बनाया गया है।यह प्रोटोकोल स्वास्थ्य मन्त्रालय और एम्स, दिल्ली और मन्त्रालय के अधीन आने वाली अन्य संस्थाओं के सहयोग से तैयार किया गया है। प्रोटोकोल के तहत अधिकारियों और कर्मचारियों का कोरोना टेस्ट अनिवार्य हैं। इसके तहत पिछले एक सप्ताह से उनके टेस्ट किए जा रहे है।सांसदों को भी स्वयं और अपने परिवारजनों तथा स्टाफ़ के सभी सदस्यों का कोरोना टेस्ट अनिवार्य है । किसी के भी कोरोना पॉज़िटिव आने पर सांसदगण, अधिकारी और कर्मचारी संसद में प्रवेश नही कर पायेंगे। उन्हें चौदह दिनों के लिए होम कवरेंटाइन होना पड़ेगा। वैसे भी सांसद इस बार अपने सहायकों आदि को संसद भवन में नही ले जा सकेंगे ।मीडिया के लिए भी प्रवेश की संख्या को सीमित रखा गया है । दूरदर्शन और प्रमुख समाचार एजेंसियों के अलावा अन्य को संसद में प्रवेश नहीं मिलेगा।साथ ही उनके लिए कोरोना टेस्ट की अनिवार्यता भी लागू है।दर्शक दीर्घा में भी किसी को प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। इस बार सत्र में प्रश्न काल नही होगा हालाँकि शून्य काल में सांसद अपनी बात रख सकेंगे । सांसदों के प्रश्नों का जवाब डिजिटल रूप से देने की व्यवस्था भी की गई हैं।

See also  मिस्र सरकार ने मॉल, रेस्तरां और मनोरंजन स्थलों पर आंशिक प्रतिबंध बढ़ाया

केन्द्रीय संसदीय कार्य मंत्री और संसदीय राज्य मंत्री मानसून सत्र के बारे में दोनों सदनों के नेताओं,पीठासीन अधिकारियों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के सम्पर्क में रह कर तैयारियों का जायज़ा ले चुके हैं।
पिछला संसद सत्र मार्च में हुआ था, लेकिन कोरोना के कारण उसे बीच में ही स्थगित करना पड़ा,लेकिन अब छह माह बाद सदन को आहूत करने की वैधानिक अनिवार्यता के चलते यह सत्र बुलाना आवश्यक हुआ है अन्यथा सरकार के पास भी कुछ ज़रूरी विधेयक पास करवाने के अलावा कोई विशेष बिजनेस नही है।अभी सभी का ध्यान कोरोना से निपटना ही हैं।
कोरोन्ना के बढ़ते मामलों को देखते हुए कई राजनेताओं ने अपने सार्वजनिक कार्यक्रम और मुलाक़ातों के प्रोग्राम रद्द कर दिए है । राजस्थान के मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि वे एक महिने तक किसी से नही मिलेंगे और सभी सरकारी कार्य एवं मीटिंग्स डिजिटल माध्यम से ही करेंगे।
कई सांसदों ने पत्र लिख यह सुझाव भी दिए थे कि देश विदेश में डिजिटल माध्यम से हो रही मीटिंग्स की तरह संसद सत्र को भी वर्चूअल ढंग से आहूत किया जायें लेकिन यह सुझाव नही माना गया है लेकिन लगता है चौदह सितम्बर से होने वाला मानसून सत्र विधायी कार्यों की औपचारिकता पूरी करने के बाद निर्धारित समय से पूर्व ही समाप्त ही सकता है। फिर आने वाले दिनों में मध्य प्रदेश सहित अन्य राज्यों में लोकसभा और विधान सभा सदस्यों के लिए उप चुनाव भी होने है । साथ ही कुछ प्रांतों में स्थानीय निकाय और पंचायती राज के चुनाव भी सम्पन्न होने है। नवम्बर में बिहार विधानसभा का महत्वपूर्ण चुनाव होंगे जिनमें सांसदों और अन्य जन प्रतिनिधियों को व्यस्त रहना हैं ।
केन्द्र सरकार का कार्यकाल भी बिहार विधान सभा चुनाव आते आते डेढ़ साल हो जायेगा। कोरोना की असाधारण परिस्थितियों के कारण मंत्री परिषद का विस्तार भी लम्बित है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी छोटे मंत्रीमंडल के साथ ही काम चला रहे है । कई मंत्रियों के पास एक से अधिक मंत्रालयों का कार्य भार है । ऐसे में मोदी जी की मंशा के अनुरूप परिणाम के लिए उन पर अतिरिक्त दवाब है। मंत्रीमंडल के विस्तार के साथ साथ भाजपा अपने संगठन को चुस्त दुस्त करना चाह रही है। लगता है ये दोनों कार्य भी यथा शीघ्र होंगे।

Share
Related Articles
Breaking Newsअंतर्राष्ट्रीय

इजराइल आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ : पहलगाम आतंकी हमले पर इजराइली राजदूत

इजराय: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए “घृणित” आतंकवादी हमले की भारत...

Breaking Newsउत्तराखंडराज्‍य

हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज ने उड़ाया ड्रोन, 29 मिनट में 35 KM दूर कोटाबाग CHC पहुंचाई दवा

हल्द्वानी: उत्तराखंड के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक और क्रांतिकारी कदम उठाते हुए मेडिकल...

Breaking Newsव्यापार

Flipkart का IPO से पहला बड़ा कदम, सिंगापुर से ‘घर वापसी’ की तैयारी, जानिए क्यों किया जा रहा है ऐसा

नई दिल्ली: ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस फ्लिपकार्ट को कथित तौर पर कंपनी के बेस या...