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इलेक्ट्रिक वाहन दिल्ली-एनसीआर की दमघोंटू हवा में संजीवनी

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नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर की दमघोंटू हवा में इलेक्ट्रिक वाहन संजीवनी हैं। जहां एक ओर हवा में सर्वाधिक जहर पेट्रोल और डीजल वाहनों का धुआं ही घोलता है वहीं ई-वाहन पूर्णतया धुआं रहित होते हैं। इनसे कोई प्रदूषण नहीं होता। लिहाजा, अगर दिल्ली- एनसीआर में सभी श्रेणियों के वाहनों को धीरे-धीरे ई-वाहनों में तब्दील कर दिया जाए तो निश्चित तौर पर वायु प्रदूषण काफी हद तक कम हो जाएगा।

इसमें कोई संदेह नहीं कि दिल्ली- एनसीआर के प्रदूषण में एक बड़ा हिस्सा वाहनों से निकलने वाले धुएं का है। तमाम शोधपरक अध्ययन भी यह प्रमाणित कर चुके हैं। इसी वजह से यहां के प्रदूषण में पीएम 2.5 और पीएम 10 जैसे मुख्य प्रदूषण तत्वों की मात्रा भी कहीं अधिक है। चूंकि सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था बहुत मजबूत नहीं है, लिहाजा निजी वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है।

कहने को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सभी व्यावसायिक वाहन सीएनजी पर चल रहे हैं लेकिन आज की तारीख में वायु प्रदूषण फैलाने में सर्वाधिक भूमिका दोपहिया वाहनों, टैंपो और माल ढोने वाले तिपहिया वाहनों की है। ये सभी वाहन पेट्रोल और डीजल पर चल रहे हैं। इनको चरणबद्ध तरीके से ई-वाहनों में शिμट करना समय की मांग है। 10 बड़ी कंपनियां इसी साल इन सभी वाहनों के ई-वर्जन भी ला रही हैं। जब तक र्चांिजग स्टेशनों का नेटवर्क नहीं बिछता, इन्हेंं एडप्टर से भी चलाया जा सकेगा। इतना ही नहीं, इनकी चार्जिंग घर पर भी हो सकेगी।

नीति से ई-वाहन को प्रोत्साहन 

दिल्ली और हरियाणा ने अपनी ई-वाहन नीति अधिसूचित भी कर दी है। यहां ई-वाहनों की खरीद पर सब्सिडी भी दी जा रही है। दिल्ली सरकार ने तो ई-वाहनों को बढ़ावा देने के लिए स्विच दिल्ली अभियान भी चलाया हुआ है। उत्तर प्रदेश सरकार ने अभी तक अपनी ई-वाहन नीति अधिसूचित नहीं की है, लेकिन वहां भी इस पर काम चल रहा है।

ई-वाहन नीति को लेकर कोई हीलाहवाली न हो और मौजूदा वाहनों को ई-वाहनों में शिफ्ट करने की प्रक्रिया भी रफ्तार पकड़े इसी के मद्देनजर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने लगभग दो सप्ताह पूर्व दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान सरकार के मुख्य सचिवों को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में चल रहे तमाम मौजूदा वाहनों को चरणबद्ध तरीके से ई-वाहनों में शिफ्ट करने का आदेश भी दिया है। और सरकारी इस्तेमाल के लिए अब जो भी वाहन खरीदे जाएं, वे इलेक्ट्रिक ही हों।

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सुविधा और जागरूकता से बनेगी बात 

प्रदूषण को कम करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि वाहन चालकों को इसके प्रति जागरूक किया जाए। उन्हेंं ई-वाहन के फायदे बताए जाएं। उन्हेंं यह सुविधा भी दी जाए कि वे जहां जरूरत हो वाहन को चार्ज कर सकते हैं। हालांकि सरकार ने इसकी शुरुआत कर दी है। इसके तहत निजी कार, स्कूटर, बाइक के साथ-साथ ट्रक, टैंपो, बस और थ्री व्हीलर को भी ई-वाहन में शिफ्ट किया जाना है। मेट्रो फीडर बस र्सिवस और ओला, उबर सरीखी कैब र्सिवस को भी ई-वाहन में बदला जाएगा।

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