Home Breaking News कांग्रेस के निरुपम ने बढ़ाई एमवीए की मुश्किलें
Breaking Newsमहाराष्ट्रराजनीतिराज्‍य

कांग्रेस के निरुपम ने बढ़ाई एमवीए की मुश्किलें

Share
Share

नई दिल्ली/ मुंबई। शिव सेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने सोमवार को कहा था कि सचिन वाजे के मुद्दे पर उन्होंने महा विकास अघाडी (एमवीए) नेताओं को आगाह किया था। उनकी इस टिप्पणी के बाद मुंबई कांग्रेस के पूर्व प्रमुख संजय निरुपम ने मंगलवार को मांग की कि एनआईए द्वारा राउत से पूछताछ की जाए। संजय निरुपम ने अपने ट्वीट में कहा, “संजय राउत ने कहा कि वह सचिन वाजे की दोबारा बहाली के खिलाफ थे। लेकिन, कल तक तो वह वाजे को एक ईमानदार और सक्षम अधिकारी बताते रहे। फिर, वे कौन नेता हैं जिनके इशारे पर वाजे को दोबारा वापस लाया गया। इसके बारे में भी बताया जाना चाहिए। एनआईए को राउत जैसे लोगों से पूछताछ करनी चाहिए और वाजे के गॉडफादर तक पहुंचना चाहिए।”

राउत के बयान के एक दिन बाद निरुपम की यह प्रतिक्रिया आई है। लेकिन, यह सर्वविदित है कि मुंबई कांग्रेस के पूर्व प्रमुख शिवसेना के साथ किसी भी गठजोड़ के खिलाफ थे। शिवसेना के पूर्व नेता निरूपम 2005 में कांग्रेस में शामिल हुए थे।

गौरतलब है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बीच कथित गुप्त बैठक की खबर रविवार को लीक होने के बाद एमवीए की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। सरकार के भविष्य को लेकर भी कयासबाजी तेज हो गई है।

बहरहाल, महाराष्ट्र के सत्तारूढ़ महा विकास अघाडी ने सोमवार को इन अटकलों को खारिज करते हुए दोहराया कि राज्य सरकार पूरी तरह सुरक्षित और मजबूत है।

गठबंधन सरकार के सभी तीन घटक दलों – शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस – के नेताओं ने इस बात का खंडन किया है कि परदे के पीछे इस तरह की कोई गुप्त वार्ता हुई है। विपक्षी भारतीय जनता पार्टी ही ऐसी अटकलों को हवा दे रही है कि एक प्रमुख व्यवसायी के घर गुप्त वार्ता हुई थी।

See also  उत्तराखंड राज्य सरकार के आदेशों को ठेंगा दिखाकर स्कूल कोविड-19 के आदेशों का जमकर उड़ा रहे हैं धज्जियां।

शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि वह “इस तरह की किसी भी बैठक के बारे में नहीं जानते”, लेकिन “अगर वे मिलते भी हैं तो क्या हो गया?”

राउत ने मीडियाकर्मियों के सवालों का जवाब देते हुए कहा, “अगर देश के गृह मंत्री किसी भी राजनीतिक दल के सांसद या नेता से मिलते हैं, तो इसमें क्या गलत है? पवार साहब एक वरिष्ठ नेता हैं और वह शाह से मिल सकते हैं..यहां तक कि मैं भी मिल सकता हूं।”

राकांपा के महासचिव प्रफुल्ल पटेल ने रविवार को कोच्चि में कहा था, “एमवीए का गठन पवार साहब के प्रयासों से हुआ था, और अनावश्यक चीजों (एमवीए को छोड़कर) के बारे में सोचने का कोई कारण नहीं है।”

राउत ने कहा कि राजनीति में दरअसल कुछ भी गुप्त नहीं है, और यदि ऐसा था, तो “आपको इसके बारे में कैसे पता चला?”

राउत के मुताबिक, गृह मंत्री ने कहा था कि “हर बैठक को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है।” एक कांग्रेसी नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि इस तरह की बैठकों या शीर्ष राष्ट्रीय नेताओं के बीच वार्ता में कुछ भी गलत बात नहीं है। शाह-पवार की कथित मुलाकात का हास्यास्पद पहलू केवल मीडिया की अटकलें थीं कि यह एमवीए सरकार के पतन का कारण बन सकता है।

Share
Related Articles
Breaking Newsअपराधराष्ट्रीय

पहलगाम हमला: चरमपंथियों ने पर्यटकों पर चलाई गोलियां, 20 से अधिक लोगों की मौत

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में दिल दहला देने वाला आतंकी हमले के बाद...