ऋषिकेश। न्यायालय सिविल जज जूनियर डिवीजन ऋषिकेश ने वर्ष 2017 के चेक बाउंस संबंधित मामले में दोषी को एक वर्ष की सजा और 5.55 लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड न देने पर एक माह का अतिरिक्त कारावास का आदेश न्यायालय ने दिया है।
चौदह बीघा ऋषिकेश निवासी सुनील कुलाश्री ने राजीव मेहरालू निवासी माजरी ग्रांट लाल तप्पड़ तहसील ऋषिकेश के विरुद्ध सिविल जज जूनियर डिवीजन न्यायालय ऋषिकेश में वाद दायर किया था। जिसमें राजीव मेहरालू पर यह आरोप लगाया गया था कि उसने सुनील कुलाश्री से दिसंबर 2015 में सिविल विवाद में समझौते की बाबत दस लाख रुपये मांगे और अक्टूबर 2016 तक वापस देने का वादा किया था।
जिस पर सुनील ने दस लाख रुपये उसे दे दिए। समय बीतने के बाद भी राजीवन ने यह धनराशि उसे नहीं लौटाई। बार-बार धनराशि मांगने का राजीव ने दस लाख रुपए का चेक दिया था। बैंक में जब चेक लगाया गया तो खाते में पैसे ना होने के कारण बैंक ने चेक वापस लौटा दिया।
सुनील के अधिवक्ता एलइस मटेला ने बताया कि राजीव ने 4.50 लाख का भुगतान कर दिया था। अवशेष धनराशि 5.50 लाख रुपये है। अधिवक्ता ने बताया कि इस मामले में न्यायालय ने राजीव को इस अपराध का दोषी पाया। न्यायालय ने अपने आदेश में राजू मेहरालू को एक वर्ष साधारण कारावास की सजा सुनाई। प्रतिवादी को दिए जाने के लिए 5.55 लाख रुपये अर्थदंड लगाया। जिसमें पांच हजार रुपये जुर्माना राज्य के पक्ष में जमा कराया जाएगा।
सरकारी कार्य में बाधा का आरोपित दोषमुक्त
सरकारी कार्य में बाधा, मारपीट व धमकी आदि मामलों में नामजद व्यक्ति को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ऋषिकेश ने दोषमुक्त करार दिया। इस संबंध में दो नवंबर 2017 को ऊर्जा निगम के तत्कालीन उपखंड अधिकारी महेंद्र सिंह ने श्यामपुर चौकी में भल्ला फार्म निवासी इंद्र सिंह पोखरियाल के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। उन्होंने इंद्र सिंह पोखरियाल पर क्षेत्र में बिजली की लाइन बिछाने का काम कर रहे लेबर का सामान फेंकने, मारपीट, गाली गलौज करने तथा सरकारी कार्य में बाधा डालने का आरोप लगाया था। यह मामला अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ऋषिकेश की अदालत में विचाराधीन था। इस मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मनमोहन सिंह ने आरोपित इंद्र सिंह पोखरियाल को संबंधित धाराओं में आरोपों से दोषमुक्त करार दिया है।