नैनीताल : आम आदमी पार्टी की ओर से सरकार बनने पर 300 यूनिट फ्री बिजली और गारंटी कार्ड भरवाने को चुनौती देती याचिका पर हाई कोर्ट ने सुनवाई की। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को अपना प्रत्यावेदन निर्वाचन आयोग के समक्ष करने का आदेश देते हुए याचिका निस्तारित कर दी।
न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में गुरुवार को देहरादून के विकासनगर निवासी व उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व सदस्य संजय जैन की याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में कहा है कि आम आदमी पार्टी के सीएम चेहरे कर्नल अजय कोठियाल की ओर से उत्तराखंड की जनता को उनकी सरकार आने पर फ्री में 300 यूनिट बिजली देने का केजरीवाल मुफ्त बिजली गारंटी कार्ड बांटा जा रहा है। जिसमे शर्त रखी है कि पहले उन्हें पार्टी की ओर से जारी मोबाइल नंबर पर मिस्ड काल करना है। फिर उन्हें 300 यूनिट बिजली का गारंटी कार्ड जारी किया जा रहा है। यह कार्ड सदस्यों को संभाल कर रखना है, तभी उनको सरकार बनने पर 300 यूनिट बिजली फ्री में दी जाएगी।
याचिकाकर्ता का यह भी कहना है आप पार्टी की ओर से लिखित में रजिस्ट्रेशन कराना पूरी तरह असंवैधानिक है। आम आदमी पार्टी की ओर से 300 यूनिट फ्री बिजली देने का कोई लिखित पत्र सरकार को नहीं दिया न ही इनकी सरकार है। इस तरह के गारंटी कार्ड भराना लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 123 के विरुद्ध है। यह कृत्य भ्रष्ट आचरण की श्रेणी में आता है। और जनता को गुमराह करने वाला है। इस पर आदर्श आचार संहिता के अंतर्गत रोक लगाई जाए। सुप्रीम कोर्ट ने भी 2017 में आदर्श आचार संहिता कमीशन बनाने के आदेश दिए थे। याचिकाकर्ता का यह भी कहना था कि वह पार्टी का विरोध नहीं करते हैं लेकिन बिना सरकार के गारंटी कार्ड देना जनता के साथ धोखा है। यह तो सरकार का काम है।