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PM मोदी की सुरक्षा में चूक पर अमित शाह ने कहा- होश खो बैठी है कांग्रेस, तय होगी जवाबदेही

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नई दिल्ली। पाकिस्तानी सीमा से महज 30 किलोमीटर दूर पंजाब के फिरोजपुर जिले में बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में बड़ी लापरवाही सामने आई. सड़क मार्ग से रैली में शामिल होने जा रहे प्रधानमंत्री के काफिले को प्रदर्शनकारियों ने रोक लिया, जिससे पीएम करीब 20 मिनट तक फ्लाईओवर पर ही फंसे रहे. आखिर उन्हें आगे का कार्यक्रम रद्द कर दिल्ली लौटना पड़ा। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, बठिंडा एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री ने अधिकारियों से कहा, ‘धन्यवाद आपका मुख्यमंत्री चन्नी कि मैं जिंदा लौट रहा हूं.’ केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सुरक्षा में लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा है.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसे बड़ी लापरवाही करार दिया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा- पंजाब ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान सुरक्षा प्रक्रिया में इस तरह की लापरवाही पूरी तरह से अस्वीकार्य है. इस मामले में जवाबदेही तय होगी… पंजाब में कांग्रेस द्वारा निर्मित यह घटना इस बात का ट्रेलर है कि यह पार्टी कैसे सोचती है और काम करती है। लोगों द्वारा बार-बार ठुकराए जाने ने उन्हें पागलपन की राह पर ले जाया है। पंजाब सरकार ने जो किया उसके लिए कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार से 24 घंटे में जवाब मांगा है. मंत्रालय के मुताबिक राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। गृह मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि प्रधानमंत्री के पंजाब दौरे में ‘बड़ी सुरक्षा चूक’ के बाद उनके काफिले ने लौटने का फैसला किया. हमने पंजाब सरकार से इस चूक की जिम्मेदारी तय कर सख्त कार्रवाई करने को कहा है।

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वहीं बठिंडा एयरपोर्ट के अधिकारियों ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि बठिंडा एयरपोर्ट लौटने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वहां के अधिकारियों से कहा- शुक्रिया आपके मुख्यमंत्री का कि मैं बठिंडा एयरपोर्ट तक जिंदा लौट पाया…

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, पीएम मोदी बुधवार सुबह 11 बजे बठिंडा पहुंचे थे, जहां से उन्हें हुसैनीवाला स्थित राष्ट्रीय शहीद स्मारक जाना था, लेकिन बारिश और खराब दृश्यता के चलते प्रधानमंत्री ने करीब 20 मिनट तक इंतजार किया. साफ करने के लिए मौसम। मौसम की स्थिति में कोई सुधार नहीं होने पर, काफिले ने सड़क मार्ग से स्मारक की ओर बढ़ने का फैसला किया। गृह मंत्रालय का कहना है कि डीजीपी पंजाब पुलिस द्वारा आवश्यक सुरक्षा इंतजामों की पुष्टि करने के बाद पीएम मोदी का काफिला सड़क मार्ग से आगे बढ़ा था.

काफिला बाजाखाना, कोटकपुरा, फरीदकोट होते हुए फिरोजपुर पहुंचना था। बठिंडा से करीब 92 किमी और फिरोजपुर से आठ किमी पहले प्रधानमंत्री के काफिले को रास्ते में ही रोक दिया गया. भारत-पाक सीमा से 30 किलोमीटर और हुसैनीवाला से बीस किलोमीटर दूर स्थित इस जगह पर कुछ किसान पहले से ही धरने पर थे और जब उन्हें पता चला कि इस रास्ते से प्रधानमंत्री का काफिला आ सकता है तो उन्होंने और लोगों को बुलाया. जब तक पीएम का काफिला वहां पहुंचा तब तक करीब सौ लोग जमा हो चुके थे. पुलिस ने उन्हें हटाने का प्रयास किया, लेकिन लोग नारेबाजी करते रहे।

इस दौरान प्रधानमंत्री के काफिले को बीस मिनट तक फ्लाईओवर पर रुकना पड़ा. उसके बाद प्रधानमंत्री का काफिला रैली स्थल पर जाने के बजाय वापस बठिंडा चला गया. प्रधानमंत्री दोपहर करीब तीन बजे बठिंडा एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए रवाना हुए। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सुरक्षा चूक को राज्य सरकार की नाकामी बताते हुए पंजाब में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और राज्य के गृह मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा को इस्तीफा दे देना चाहिए.

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इस तरह सुरक्षा की अनदेखी

1. सड़क जाम होने पर एनएसजी ने सीएम कार्यालय से संपर्क करने की कोशिश की तो किसी ने फोन नहीं उठाया. भाजपा अध्यक्ष नड्डा का भी यही कहना था।

2. जब पुलिस को रास्ते की मंजूरी मिली तो उस पर किसान कैसे आ गए, उन्हें हटाया नहीं गया.

3. पीएम के आधिकारिक दौरे के दौरान सीएम, मुख्य सचिव और डीजीपी के साथ हैं. इनमें से कोई नहीं थे।

उल्लेखनीय है कि पंजाब में पिछले कुछ महीनों में हुए हथगोले से हुए हमलों के चलते पूरा पंजाब हाई अलर्ट पर है और सीमांत जिला होने के कारण फिरोजपुर बेहद संवेदनशील है. दो महीने में यहां टिफिन बम भी बरामद हुए हैं।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम और दौरे की जानकारी पंजाब सरकार को बहुत पहले ही दे दी गई थी. पंजाब सरकार को अतिरिक्त सुरक्षा कर्मियों को तैनात करने के लिए कहा गया था, जिन्हें सड़क मार्ग से किसी भी आंदोलन को सुरक्षित करने के लिए तैनात नहीं किया गया था।

प्रधानमंत्री को फिरोजपुर से 42,750 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास करना था. इनमें फिरोजपुर में पीजीआई का सैटेलाइट सेंटर, होशियारपुर और कपूरथला में बनने वाले मेडिकल कॉलेज, दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे, अमृतसर से ऊना फोर-लेन रोड अपग्रेडेशन प्रोजेक्ट, मुकेरियां से तलवारा न्यू ब्रॉड गेज रेलवे लाइन प्रोजेक्ट शामिल हैं। प्रधानमंत्री की वापसी के चलते केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने इन परियोजनाओं की आधारशिला रखी.

देर शाम मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने घटना पर खेद जताया और जांच के आदेश दिए. राज्य के गृह मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा के साथ बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए, चन्नी ने कहा, “हम अपने प्रधान मंत्री का सम्मान करते हैं, वह पंजाब में किसी भी खतरे में नहीं थे।” हम ही हैं जिन्होंने अपना खून बहाया, इससे पहले कि उनकी जान को कोई खतरा हो। उन्होंने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के कॉल लेने से इनकार कर दिया, जबकि उन्होंने प्रधानमंत्री के बयान पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

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