नई दिल्ली। क्राइम ब्रांच ने दिल्ली-एनसीआर के फार्म हाउसों में देर रात चलने वाली पार्टियों में ड्रग्स आपूर्ति करने वाले दो तस्करों को गिरफ्तार किया है। दोनों सगे भाई हैं। रेव पार्टी सर्कल में दोनों भाई काफी मशहूर हैं। ड्रग्स का बंदोबस्त करने के लिए लोग इसे “खानी” कोड वर्ड के नाम से जानते हैं। ड्रग्स के लिए संपर्क करने के लिए इन्होंने इंटर मीडिया पर एक एप भी बना रखा था। दिल्ली पुलिस की तरफ से दोनों भाईयों पर 50-50 हजार रुपये का इनाम था।
तस्करी के तीन मामले सुलझाने का दावा
डीसीपी रोहित मीणा के मुताबिक गिरफ्तार किए गए तस्करों के नाम सिद्धांत खन्ना व करण खन्ना है। दोनों राधे मोहन ड्राइव, छतरपुर में परिवार के साथ रह रहे थे। पहचान छिपाने के लिए इन्होंने फर्जी दस्तावेज बनवा रखा था। इनमें एक जून 2019 से फरार था। दूसरे को अप्रैल 2020 में कोरोना के कारण अंतरिम जमानत मिली थी। बेल जम्प कर वह फरार चल रहा था। दोनों की गिरफ्तारी से क्राइम ब्रांच ने ड्रग्स तस्करी के तीन पुराने मामले सुलझाने का दावा किया है।
पेरोल जंप कर भागने वालों पर दिल्ली पुलिस सख्त
अपराध शाखा को दिल्ली-एनसीआर के जघन्य मामलों में फरार, जमानत अथवा पैरोल जंप करने वालों की धर पकड़ की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। उसी के आधार पर क्राइम ब्रांच की टीम को चार अप्रैल को सिद्धांत खन्ना और करण खन्ना के ड्रग्स तस्करी के मामले में संलिप्त होने की सूचना मिली। एसीपी संतोष कुमार व इंस्पेक्टर मंगेश त्यागी के नेतृत्व में एसआई राबिन त्यागी, एएसआई सचिन कुमार, हवलदार संजीव कुमार, नरेंद्र, मिंटू यादव व प्रेमपाल की टीम ने छतरपुर से दोनों से दबोच लिया।
खानी कोड वर्ड से सभी जानते थे
पूछताछ में दोनों ने बताया कि उनका जन्म देहरादून में हुआ था। उनके पिता देहरादून में बार व रेस्तरां का व्यापार करते थे। जब वे छोटे थे तथी उनका परिवार दिल्ली शिफ्ट हो गया था। 2012 में पिता की मृत्यु के बाद पारिवारिक व्यवसाय बंद हो गया। जिस कारण आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा। मनाली की यात्रा के दौरान उनकी मुलाकात राजेश उर्फ डाक्टर से हुई, जिसने छेरिंग उर्फ चरंग नाम के शख्स के जरिए उन्हें चरस व अन्य पार्टी ड्रग्स की आपूर्ति करने लगा। जल्द ही दोनों पार्टी सर्कल में मशहूर हो गए, जिसका कोड नाम “खानी” है।
फर्जी आईडी का कर रहे थे इस्तेमाल
आरोपित फर्जी आईडी पर रजिस्टर्ड मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल एक-दूसरे से संपर्क करने के लिए कर रहे थे। इसके अलावा वे लोगों को ड्रग्स सप्लाई करने के लिए इंटरनेट मीडिया एप का इस्तेमाल कर रहे थे। सिद्धांत खन्ना विदेशों से प्रोसेस्ड अमेरिकन वीड खरीदने के लिए डार्क वेब का भी इस्तेमाल कर रहा था। सिद्धांत खन्ना के निर्देश पर करण खन्ना लोगों को ड्रग्स सप्लाई कर रहा था। दोनों खुद को छिपाने के लिए जाली पहचान दस्तावेजों का इस्तेमाल कर रहे थे।