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फरार आईपीएस पर कसा विजलेंस का शिकंजा, जानें क्या होने वाला है

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लखनऊ। महोबा में क्रशर का काम करने वाले इंद्रकांत त्रिपाठी की मौत के मामले में आरोपित आइपीएस अफसर मणिलाल पाटीदार पर अब विभागीय शिकंजा भी कस गया है। लम्बे समय से फरार चल रहे एक लाख के इनामी मणिलाल पाटीदार को विजिलेंस विभाग की जांच में दोषी पाया गया है। अब पाटीदार के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के लिए उत्तर प्रदेश शासन के गृह विभाग से भी मंजूरी मिली है।

महोबा में एसपी रहे मणिलाल पाटीदार लम्बे समय से फरार चल रहे हैं। पाटीदार को विजिलेंस जांच में दोषी पाया गया है। अब उनके खिलाफ शासन की तरफ से केस दर्ज करने की अनुमति मिल गई है। पुलिस को पाटीदार की तलाश तो पहले से ही है, लेकिन अब उनके खिलाफ शिकंजा और कसेगा। शासन से अनुमति मिलने के बाद अब जल्द ही मणिलाल पाटीदार के खिलाफ केस दर्ज होगा। उत्तर प्रदेश पुलिस ने फरार आइपीएस अफसर मणिलाल पाटीदार पर एक लाख रुपया का इनाम रखा है। पाटीदार को महोबा कांड के बाद सितंबर 2020 में निलंबित किया गया था।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महोबा के इंद्रकांत त्रिपाठी की मौत के बाद मणिलाल पाटीदार की चल-अचल संपत्तियों की विजिलेंस जांच के आदेश दिए थे। जांच में सामने आया है कि मणिलाल पाटीदार ने थानेदारों के जरिए वसूली का रैकेट चलाया था। इसके जरिए मणिलाल पाटीदारने बड़ी मात्रा में अवैध धन अर्जित करते हुए प्रॉपर्टी में निवेश किया था। विजिलेंस ने शासन से उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की अनुमति मांगी थी। जिसे मंजूर कर लिया गया है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने 2014 बैच के आइपीएस अफसर मणिलाल पाटीदार को महोबा कांड़ के बाद सितंबर 2020 में निलंबित कर दिया था। इसके बाद उनके खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं की जांच के आदेश विजिलेंस को दिए थे। विजिलेंस ने जांच में मणिलाल पाटीदार को दोषी पाया है। जांच में पता चला है कि उन्होंने अवैध वसूली के लिए थानेदारों को जरिया बनाया और उनकी तैनातियों में भी जमकर मनमानी की। मणिलाल पाटीदार के इशारे पर थानेदारों ने महोबा के कई क्रशर कारोबारियों से जमकर वसूली की। क्रशर कारोबारी इंद्रमणि त्रिपाठी ने रुपए देने से मना किया तो पुलिस ने उसका उत्पीड़ऩ किया। इसके बाद बाद में इंद्रमणि त्रिपाठी का शव मिला था। त्रिपाठी ने इससे पहले ही वीडियो संदेश जारी किया था।

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बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे में निर्माण सामग्री की आपूर्ति करने वाली एक फर्म पीपी पांडेय इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के प्रोजेक्ट मैनेजर अमित तिवारी से रिश्वत मांगनेग् पैसे नहीं मिलने पर डंपर चालकों को फर्जी मुकदमें में फंसाने के मामले में मणिलाल पाटीदार दोषी पाए गए हैं। उनके आलावा तत्कालीन एसओ खरेला राजू सिंहग् इंस्पेक्टर चरखारी राकेश कुमार सरोज व एसआई भूपेन्द्र प्रताप को भी विजिलेंस ने जांच में दोषी पाया है। सभी के खिलाफ शासन ने एफआईआर दर्ज करने की संस्तुति की है। अब सभी आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू की जाएगी।

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