काशीपुर : ऊधमसिंह नगर के काशीपुर में हैरान कर देेने वाला मामला सामने आया है है। यहां कुंडा क्षेत्र की नाबालिग को पड़ोसी महिला ने राजस्थान के अलवर में तीन लाख रुपये में बेच दिया। उसने वहां एक दिव्यांग से नाबालिग की शादी भी करा दी। पुलिस ने अब उसे बरामद कर लिया है। घटना में पुलिस ने दो महिलाओं समेत चार लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर दूल्हे के पिता को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के अनुसार गिरोह के तार मानव तस्करी से जुड़ रहे हैं।
26 अक्टूबर से थी लापता
काशीपुर पुलिस अधीक्षक अभय प्रताप सिंह ने शुक्रवार को बताया कि कुंडा थाना क्षेत्र के ग्राम इस्लामनगर में किराये के मकान में रहने वाली ऊषा देवी ने 15 नवंबर को सूचना दी थी कि उसकी 16 वर्षीय पुत्री 26 अक्टूबर से लापता है। काफी खोजबीन के बाद भी उसका पता नहीं चला। इस पर अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की गई।
मां का इलाज कराने के बहाने जाल में फंसाया
उन्होंने बताया कि जांच के दौरान पता चला कि ऊषा देवी मूल रूप से गांव हल्दुआ रामपुर थाना कांठ, जिला मुरादाबाद उत्तर प्रदेश की रहने वाली है। यहां वह ग्राम इस्लामनगर में करीब दो माह से किराए के कमरे में रह रही है। पति की मृत्यु चार वर्ष पूर्व हो गई है। आर्थिक तंगी के कारण वह ट्यूमर का इलाज भी नहीं करा पा रही थी। इस बीच पड़ोस में रहने वाली सोनिया नाम की महिला उसके संपर्क में आई। उसके पति राजू ने नाबालिग को मां का इलाज कराने के नाम पर अपने जाल में फंसा लिया। दोनों मौके का फायदा उठाकर नाबालिग को राजस्थान ले गए। वहां तीन लाख रुपये में उसकी शादी दिव्यांग के साथ करा दी। इसके बाद दोनों मोबाइल बंद कर वहां से भाग निकले।
ये लोग हैं आरोपित
पुलिस ने किसी तरह से नाबालिग को राजस्थान के ग्राम मेवली थाना कोटकासिम जिला अलवर से बरामद कर लिया। मौके से दिव्यांग लड़के के पिता मनोज कुमार पुत्र प्रह्लाद को गिरफ्तार कर लिया। पूरे घटनाक्रम में फरार सोनिया निवासी केवलगढ़ी, हाथरस उत्तर प्रदेश, राजू पुत्र पूरन सिंह निवासी माधावाला गढी, सुनील देवी पत्नी मनोज कुमार व उनके पुत्र मोनू, निवासी ग्राम मेवली थाना कोटकासिम जिला अलवर के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया।