हमीरपुर: दहेज में कार, चेन व अंगूठी न मिलने पर पत्नी की हत्या करने के आरोपित को दोषी मान अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी-प्रथम सुशील कुमार खरवार ने दस वर्ष का कारावास व 13 हजार रुपये का जुर्माना सुनाया है। वहीं 50 हजार रुपये वादी को अदा करने के आदेश दिए हैं। मामले में आरोपित मृतका की सास को संदेह का लाभ दे दोषमुक्त कर दिया।
सहायक शासकीय अधिवक्ता चंद्रप्रकाश गोस्वामी व राजेश तिवारी ने संयुक्त रूप से बताया कि तिंदवारी थाना क्षेत्र के अमली कौर गांव के मजरा भगदरा डेरा निवासी बलवीर निषाद ने अपनी पुत्री सोनी की शादी 11 जून 2015 को सुमेरपुर निवासी संजय निषाद पुत्र दुब्बी निषाद के साथ की थी। शादी के बाद से पति संजय, देवर लवकुश, जेठानी शारदा देवी व सास राम देवी दहेज में कार व सोने की चैन एवं अंगूठी की मांग कर प्रताड़ित करने लगे।
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इसके बाद देवर व जेठानी मारपीट कर उसे मायके में गांव के बाहर छोड़ गई। इस घटना के बाद सोनी का पति संजय व चचेरे ससुर चौबा आकर 18 अप्रैल 2017 को अपने साथ ले गए। जहां उसकी पुत्री को मारपीट कर हत्या करने के बाद फंदे से लटका दिया।
ग्रामीणों की सूचना पर बलवीर ने सुमेरपुर थाने पहुंच 20 अप्रैल 2017 को पति, देवर, जेठानी, सास के खिलाफ तहरीर दी। पुलिस द्वारा कोर्ट में पति व सास के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया। जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश ने आरोपित पति को दोषी मान 10 वर्ष का कारावास व 13 हजार रुपये जुर्माना सुनाया है।
इसके अलावा 50 हजार रुपए वादी को देने के आदेश दिए। वहीं मामले में आरोपित मृतका की सास को संदेह का लाभ दे दोषमुक्त कर दिया।