नई दिल्ली। टोरंटो जाने वाली एयर कनाडा की उड़ान को बम से उड़ाने की धमकी देने के मामले में आईजीआई थाना पुलिस ने एक नाबालिग को पकड़ा है। नाबालिग ने पुलिस को बताया कि उसने चार जून को ईमेल के माध्यम से केवल यह जानने के लिए फर्जी सूचना भेजी कि उसका पुलिस पता लगा पाती है या नहीं।
आईजीआई जिला पुलिस उपायुक्त उषा रंगरानी ने बताया कि चार जून को जैसे ही सूचना मिली एयरपोर्ट को हाई अलर्ट पर रखा गया। इमरजेंसी घोषित करने के बाद प्रोटोकॉल के तहत विमान को खाली कराया गया। उसकी तलाशी ली गई।
तलाशी के बाद सूचना फर्जी पाई गई, जिसके बाद सभी ने राहत की सांस ली, लेकिन जिस तरह से आए दिन एयरपोर्ट पर बम से जुड़ी फर्जी सूचना आ रही है, उसे देखते हुए इस मामले को गंभीरता पूर्वक लेते हुए इंस्पेक्टर विजेंद्र राणा के नेतृत्व में पुलिस टीम का गठन कर मामले में आरोपित का पता लगाने की कोशिश शुरू की गई।
आरोपित मेरठ का रहने वाला
छानबीन के दौरान पुलिस ने ईमेल आईडी से जुड़ी जानकारी एकत्रित करनी शुरू कर दी। पता चला कि जिस आईडी से ईमेल भेजा गया, वह एक से दो घंटे पहले ही बनाया गया था। यह भी पता चला कि ईमेल प्रेषित करने के बाद इस आईडी को डिलीट कर दिया गया।
तकनीकी छानबीन के दौरान पता चला कि जहां से ईमेल किया गया था, वह जगह उत्तर प्रदेश का मेरठ शहर है। छानबीन करते करते हुए पुलिस टीम मेरठ में रहने वाले नाबालिग तक पहुंच गई।
खबरें पढ़कर आया ऐसा करने का विचार
पुलिस ने उससे पूछताछ की तो उसने बताया कि उसने मुंबई एयरपोर्ट में विमान को उड़ाने की धमकी से जुड़ी खबर देखी थी। यहीं से उसे फर्जी सूचना भेजने का विचार आया। मुंबई एयरपोर्ट से जुड़ी खबर देखने के बाद उसने तय किया कि वह भी फर्जी सूचना भेजेगा ताकि यह पता किया जा सके कि पुलिस उसे पकड़ पाती है या नहीं।
इस सोच के तहत ही उसने फर्जी ई मेल आईडी अपने मोबाइल फोन पर बनाया। इस मोबाइल पर उसने अपनी मां के मोबाइल से वाईफाई के माध्यम से इंटरनेट कनेक्शन लिया। ईमेल भेजने के बाद उसने ईमेल आईडी को डिलीट कर दिया।
पुलिस ने दो मोबाइल जब्त किए
पूछताछ में आरोपित ने पुलिस को बताया कि फर्जी ईमेल भेजने के बाद उसने अगले ही दिन मीडिया में दिल्ली एयरपोर्ट से जुड़ी खबर देखी। खबर देखकर उसने काफी रोमांचित महसूस किया, लेकिन यह बात उसने अपने माता- पिता से डर के कारण साझा नहीं किया।
पूछताछ के दौरान पुलिस ने दोनों मोबाइल जब्त कर लिया। पुलिस ने आरोपित नाबालिग को किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश किया। इसके बाद बच्चे की कस्टडी उसके माता पिता को सौंप दी।