गाजियाबाद। राजनगर के 12वीं पास छात्र के मतांतरण के प्रयास के मामले की सूचना स्थानीय पुलिस ने एटीएस समेत अन्य खुफिया एजेंसी को भेज दी है, क्योंकि शुरुआती छानबीन में ही पुलिस को छात्र का ब्रेन वाश करने के साक्ष्य मिल गए हैं। स्वजन को उसके इस्लाम के प्रति झुकाव के बारे में एक माह से जानकारी थी। द केरल स्टोरी रिलीज होने के बाद उठे विवाद के बाद स्वजन ने इसे गंभीरता से लेकर पुलिस को शिकायत की।
पुलिस ने बुधवार को छात्र का मोबाइल कब्जे में लिया, जिसमें इस्लाम से जुड़ी सामग्री मिली है। हालांकि, गेमिंग एप के बारे में पता नहीं चल पाया है। छात्र का मोबाइल फारेंसिक जांच के लिए भेज दिया है और लैपटाप आज पुलिस को मिलेगा। राजनगर में रहने वाले व्यक्ति ने मंगलवार को पुलिस आयुक्त कार्यालय में शिकायत की थी कि उनका बेटा घर से जिम के नाम पर निकलता है और संजयनगर सेक्टर 23 की जामा मस्जिद में जाकर नमाज पढ़ता है।
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दो वर्ष पूर्व उसने ऑनलाइन गेमिंग ऐप के जरिए मुंबई के बद्दो के खाते में 20 हजार रुपये भेजकर कुछ कंप्यूटर उपकरण मंगवाए थे। तभी से छात्र का व्यवहार बदलने लगा और वह घंटों तक बद्दो से बातचीत करता था। उनकी शिकायत पर थाना कविनगर में बद्दो और संजयनगर सेक्टर 23 की जामा मस्जिद के इमाम के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई थी। पुलिस के मुताबिक छात्र ने मुंबई के ही खाते में पैसे भेजे थे। इसकी पुष्टि होने के बाद पुलिस की एक टीम को मुंबई भेजने की तैयारी की जा रही है। पुलिस इसकी भी पड़ताल कर रही है
टीवी डिबेट सुनकर नाराज हो जाता था छात्र
पुलिसकर्मियों ने मीडियाकर्मियों से दूरी बना रखी है। वहीं पुलिस को बताया कि न्यूज चैनलों पर डिबेट में यदि कोई पैनलिस्ट इस्लाम को लेकर टिप्पणी करता था तो वह नाराज हो जाता था। इन्हें बुरा-भला कहकर वह घर से बाहर चला जाता था। स्वजन के काफी समझाने पर भी छात्र नहीं माना और बुधवार को विवेचक घर पर बयान दर्ज करने पहुंचे तो उनसे भी छात्र ने कहा कि वह अपनी मर्जी से ऐसा कर रहा है। कोई दबाव नहीं है। छात्र ने किसी भी तरह की जानकारी देने से इनकार कर दिया।
गैर मुस्लिम दोस्त संग नमाज पढ़ने जाता था
सिर्फ यह छात्र ही नहीं, बल्कि उसका एक अन्य गैर मुस्लिम दोस्त भी जामा मस्जिद में नमाज पढ़ने जाता था। दोस्त की उम्र करीब 20 साल है और वह संजयनगर में ही रहता है। पुलिस की टीम बुधवार को उसके घर भी पहुंची। पुलिस के मुताबिक उसके स्वजन ने कहा कि उनका बेटा बालिग है और उसके नमाज पढ़ने से उन्हें कोई समस्या नहीं है।
मस्जिद कमेटी ने दी थी पुलिस को सूचना
एफआईआर में नामजद जामा मस्जिद के इमाम मेहताब आलम कासमी का कहना है कि ईद से पहले वाले जुमे को कुछ नमाजियों ने उन्हें सूचना दी थी कि दो युवक नमाज पढ़ने आते हैं, जो मुस्लिमों जैसे नहीं दिखते। उन्होंने अगले ही दिन दोनों को बुलाया तो दोनों ने अपनी सही पहचान बताकर कहा कि उन्हें इस्लाम पसंद है। इमाम का कहना है कि उन्होंने दोनों को दोबारा मस्जिद न आने की हिदायत देकर मस्जिद कमेटी को इस बारे में लिखित पत्र भेजा, जिसके बाद कमेटी ने एसीपी कविनगर और थाना पुलिस को लिखित सूचना देकर दोनों युवकों के बारे में बताया था।
हालांकि, कमेटी के अध्यक्ष अय्यूब पटवारी से संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। इधर कविनगर के एसीपी अभिषेक श्रीवास्तव ने कहा कि जरूरत पड़ी तो छानबीन के लिए एक टीम मुंबई भेजेंगे। साइबर सेल भी पड़ताल कर रही है। बद्दो के नाम से कौन व्यक्ति बात कर रहा था, उसकी पहचान कर आगे की कार्रवाई करेंगे।