इस्लामाबाद: भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच एक सनसनीखेज खबर सामने आई है. सूत्रों के अनुसार, तुर्की ने पाकिस्तान को हथियारों का जखीरा भेजा है. इन हथियारों को लेकर कार्गो फ्लाइट्स इस्लामाबाद पहुंची हैं. इस घटनाक्रम को लेकर हैरानी इसलिए और बढ़ जाती है क्योंकि तुर्की में आए विनाशकारी भूकंप के समय भारत सबसे पहले मदद पहुंचाने वाले देशों में से था.
जानकारी के अनुसार, तुर्की वायु सेना का सी-130 हरक्यूलिस सैन्य परिवहन विमान हथियारों के साथ कराची पहुंचा. अपुष्ट सूत्रों का दावा है कि तुर्की से कम से कम 6 सी-130 कार्गो विमान इस्लामाबाद पहुंचे हैं. यह घटनाक्रम पाकिस्तान के लिए निश्चित रूप से एक बड़ी मदद है, जो अकेले भारत का सामना करने में कमजोर महसूस करता है. लंबे समय से तुर्की पर भारत को अस्थिर करने की कोशिश करने के आरोप लगते रहे हैं, और हथियारों की यह आपूर्ति उसी दिशा में एक कदम माना जा रहा है. हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि इन शिपमेंट में कौन-कौन से हथियार भेजे गए हैं.
यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही है. इससे पहले, चीन ने भी पाकिस्तान को पीएल-15 मिसाइलें भेजी थीं, जिन्हें पाकिस्तान ने अपने जेएफ-17 लड़ाकू विमानों में लगाया है.
माना जा रहा है कि तुर्की ने पाकिस्तान को ड्रोन भेजे हैं. हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन सोशल मीडिया पर कई पाकिस्तानी उपयोगकर्ताओं ने दावा किया है कि तुर्की द्वारा भेजे गए हथियारों में Bayraktar TB2 ड्रोन, छोटे हथियार, स्मार्ट बम और गाइडेड मिसाइल सिस्टम शामिल हो सकते हैं. पाकिस्तान और तुर्की के बीच हथियारों को लेकर पहले भी समझौते हो चुके हैं. जब तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन पाकिस्तान आए थे, तब भी दोनों देशों के बीच हथियारों को लेकर समझौता हुआ था.
तुर्की और पाकिस्तान ने इस्लामिक भाईचारे के आधार पर अपनी दोस्ती को रणनीतिक भागीदारी में बदलने का फैसला किया है. खासकर भारत के खिलाफ पाकिस्तान की मदद करने के लिए तुर्की ने कई तरह के हथियार समझौते किए हैं. तुर्की अक्सर कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन करता रहता है.
दूसरी ओर, पाकिस्तान वायु सेना ने भारत के साथ बढ़ते क्षेत्रीय तनाव के जवाब में पेन्सी, स्कार्दू और स्वात सहित प्रमुख हवाई ठिकानों को सक्रिय कर दिया है. वर्तमान में, इन ठिकानों पर एफ-16, जे-10 और जेएफ-17 लड़ाकू जेट तैनात किए गए हैं, साथ ही लड़ाकू हवाई गश्त (CAP) पहले से ही चल रही है.