नोएडा, नवंबर 2024: नोएडा के सेक्टर 100 स्थित लोटस बुलेवर्ड सोसायटी में हाल ही में हुए अपार्टमेंट ऑनर्स एसोसिएशन (एओए) चुनावों में धांधली के आरोपों ने विवाद खड़ा कर दिया है। 2700 से अधिक परिवारों की इस सोसायटी में निवासियों के बीच व्यापक असंतोष और दोबारा निष्पक्ष चुनाव कराने की मांग तेज हो गई है।
10 नवंबर 2024 को संपन्न हुए चुनावों के अप्रत्याशित परिणामों ने निवासियों को हैरान कर दिया। चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाए जा रहे हैं, और मौजूदा एओए बोर्ड के कुछ सदस्यों पर बड़े पैमाने पर धांधली का आरोप लगा है।
मुख्य आरोप:
1. पारदर्शिता का अभाव: नियुक्त चुनाव अधिकारी पर निष्पक्षता सुनिश्चित करने में विफल रहने का आरोप है। साथ ही, चुनाव के लिए कोई पर्यवेक्षक नियुक्त नहीं किया गया था, जिससे प्रक्रिया पर भरोसा उठ गया।
2. वोटिंग और परिणाम में अनियमितता: निवासियों का दावा है कि वोटिंग प्रक्रिया और परिणाम घोषणा में पारदर्शिता की कमी थी, जिससे धांधली की आशंका गहराई।
3. गिनती प्रक्रिया पर सवाल: मतगणना के दौरान एक भी बैलेट को अमान्य नहीं किया गया, जो व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है। यह भी धांधली के आरोपों को बल देता है।
सचिव का बयान:
मामले को और गंभीर बनाते हुए, वर्तमान एओए सचिव श्री राजेश रस्तोगी, जो इस चुनाव में सबसे अधिक मतों से विजयी हुए, ने निवासियों को एक मेल भेजकर चुनाव में हुई धांधली की पुष्टि की। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि बोर्ड के कुछ सदस्यों द्वारा चुनाव प्रक्रिया में हेरफेर की गई। हैरान करने वाली बात यह है कि श्री रस्तोगी ने स्वयं पुनः निष्पक्ष चुनाव कराने की मांग की है।
निवासियों का आक्रोश:
इन आरोपों के बाद सोसायटी के निवासियों में गहरा असंतोष व्याप्त है। उनका कहना है कि यह चुनाव लोकतांत्रिक प्रक्रिया का मजाक है।
“ये चुनाव हमारे प्रतिनिधित्व के लिए हैं, लेकिन जिस तरीके से इन्हें संपन्न किया गया, यह हमारे भरोसे के साथ धोखा है,” एक निवासी ने कहा।
कानून व्यवस्था का खतरा:
मौजूदा स्थिति के चलते सोसायटी में कानून व्यवस्था बिगड़ने का खतरा मंडरा रहा है। निवासियों ने जिलाधिकारी से अपील की है कि मामले की निष्पक्ष जांच करवाई जाए, दोषियों पर कार्रवाई हो, और सोसायटी में दोबारा पारदर्शी तरीके से चुनाव कराए जाएं।
इस प्रकरण ने लोटस बुलेवर्ड जैसे बड़े आवासीय समाज में लोकतांत्रिक मूल्यों और पारदर्शिता की आवश्यकता को एक बार फिर उजागर कर दिया है।