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नोएडा: एक परिवार को कई प्लॉट, टॉय और इंडस्ट्रियल पार्क में 16 प्लॉटों का आ‌वंटन रद्द

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ग्रेटर नोएडा। एक ही परिवार में एक से अधिक औद्योगिक प्लॉट आवंटन के मामले में यमुना प्राधिकरण ने जांच पूरी होने के बाद कार्रवाई की है। 42 प्लॉटों में से 16 का आवंटन रद कर दिया है। शेष 28 प्लॉटों का आवंटन बहाल रखा गया है। एसीईओ नगेंद्र प्रताप की अध्यक्षता में गठित समिति की रिपोर्ट पर सीईओ ने यह कार्रवाई की है।

समिति की जांच में सामने आया कि 28 प्लॉटों का आवंटन 10 परिवारों के बीच हो गया था। यीडा ने कोविड के दौरान 2020 में औद्योगिक पार्क व टाय पार्क योजना में सेक्टर 29 व 33 में प्लॉटों का आवंटन किया था। इसमें आवेदनों की जांच में लापरवाही बरती गई।

इस वजह से एक ही परिवार में एक से अधिक प्लॉटों का आवंटन हो गया। पति पत्नी, पिता पुत्र के नाम से या उनके शेयर वाली कंपनी के नाम पर एक से अधिक प्लॉटों का आवंटन हो गया।

अफसरों के तबादले से अटकी जांच

मामला संज्ञान में आने के बाद सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने तत्कालीन एसीईओ मोनिका रानी की अध्यक्षता में जांच समिति गठित की थी। समिति ने जुलाई 2024 में जांच शुरू की, लेकिन समिति में शामिल एसीईओ व अन्य अधिकारियों के स्थानांतरण के कारण जांच अटक गई। एसीईओ नगेंद्र प्रताप की अध्यक्षता में गठित समिति ने जांच कर 23 अप्रैल को सौंपी।

रिपोर्ट में 16 प्लॉटों का रद करने व 26 को बहाल रखने की सिफारिश की। सीईओ ने जांच रिपोर्ट को स्वीकार कर 16 प्लॉटों का आवंटन रद कर दिया है। समिति ने 43 में से 42 प्रकरणों की जांच की। एक आवंटी कृष्ण लाल अरोड़ा ने पहले ही अपना प्लॉट सरेंडर कर दिया।

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कंपनी में शेयर होल्डिंग के आधार पर समिति ने लिया फैसला

दो कंपनियों में एक ही परिवार, पति पत्नी को आवंटित प्लॉट के मामले में जांच समिति ने पति पत्नी की शेयर होल्डिंग के आधार पर फैसला किया। उद्यमी अमन जैन की दो कंपनियों को दो प्लॉट आवंटन के मामले में जांच समिति ने पाया कि एक कंपनी में अमन जैन प्रोपराइटर है।

दूसरी कंपनी में उनकी पत्नी के पास 25 प्रतिशत शेयर है। शेष 75 प्रतिशत शेयर उनके भाइयों की पत्नी के नाम पर हैं। इस प्रकरण में उनके दोनों प्लॉटों के आवंटन को बहाल रखा गया। अमित अग्रवाल की दो कंपनियों को आवंटित दो प्लॉट के मामले में छह शेयर धारक दूसरी कंपनी में भी साझेदार मिले, जिनके पास 90 प्रतिशत शेयर होल्डिंग थी, उनका एक प्लॉट आवंटन रद हो गया।

दुर्गेश कुमार साहू की दो कंपनियों के मामले में एक में वह खुद प्रोपराइटर व दूसरी में 33% के शेयर धारक व शेष शेयर परिवार के सदस्यों के नाम पर न होने से उनके दोनों आवंटन बहाल रखे गए।

एक ही परिवार में एक से अधिक प्लॉट आवंटन प्रकरण की जांच के बाद 16 आवंटन रद कर दिए गए हैं। एसीईओ की अध्यक्षता में गठित समिति ने इन प्लॉटों का आवंटन रद करने की सिफारिश की थी। निरस्त हुए प्लॉट नई योजना में शामिल कर आवंटित किए जाएंगे। – डॉ. अरुणवीर सिंह, सीईओ यीडा

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