नई दिल्ली। श्रद्धा की हत्या का खुलासा होने के एक सप्ताह के भीतर ही देश की राजधानी दिल्ली में आयुषी की हत्या ने लोगों का दिल एक बार फिर दहला दिया है। आरोप है कि पिता नितेश कुमार यादव ने पत्नी के साथ मिलकर बेटी आयुषी का कत्ल किया और इसके बाद शव को सूटकेस में भरकर मथुरा में आगरा एक्सप्रेसवे के किनारे फेंक दिया। हत्या के पीछे वजह यह बताई जा रही है कि पिता नितेश कुमार यादव बेटी आयुषी के छत्रपाल नाम के युवक से शादी करने से नाराज थे। दरअसल छत्रपाल गैर बिरादरी से था, इसलिए नाराज होकर आयुषी की हत्या कर दी, क्योंकि वह शादी से बेहद नाराज था। वहीं, यह भी जानकारी सामने आ रही है कि वह अक्सर देर से घर आती थी, इसलिए नाराज होकर अचानक पिता नितेश ने गोली मारकर उसकी हत्या कर दी।
बताया जा रहा है कि 17 नवंबर की रात को आयुषी के देरी से आने से घर में बहस हुई थी। इसके बाद नाराज पिता नीतेश कुमार यादव ने आयुषी को 18 नवंबर की सुबह अपनी ही लाइसेंसी बंदूक से गोली मार दी। इसके बाद मां-बाप ने शव को पहले तो सूटकेस में भरा फिर मथुरा में यमुना एक्सप्रेस-वे के किनारे पर फेंक दिया था। लोगों ने सूटकेस में शव होने की जानकारी पुलिस को दी, जिसके बाद पूरे मामला का खुलासा हुआ। श्रद्धा वालकर हत्याकांड के बाद इस मामले ने लोगों को हैरान कर दिया है। इसके साथ ही दिल्ली के न्यू अशोक नगर में जनवरी, 2020 में हुए युवती शीतल हत्याकांड की याद आ गई। बता दें कि आयुषी और शीतल की हत्या में कई समानताएं हैं। पहला तो यही कि ये दोनों हत्याएं गैर बिरादरी में शादी के चलते हुईं थी।
आयुषी-शीतल दोनों ने किया था परिवार की मर्जी के खिलाफ विवाह
दिल्ली के न्यू अशोक नगर की रहने वाली शीतल ने अंकित से प्रेम विवाह किया, लेकिन परिवार को इस बारे में कुछ नहीं बताया था। दोनों ने मंदिर में शादी की थी और दोनों अपने-अपने घरों में रह रहे थे। अचानक इस बात की जानकारी माता-पिता को लगी तो उन्होंने 29 जनवरी 2020 को ही न्यू अशोक नगर स्थित घर पर शीतल का गला दबाकर मार डाला। इसके बाद वह शव को कार में रखकर अलीगढ़ लाए और अगले दिन उन्होंने शव को नहर में फेंक दिया।
अक्टूबर, 2019 में की थी शादी
दिल्ली पुलिस की जांच में सामने आया था कि अपने परिवार के साथ न्यू अशोक नगर इलाके में रहने वाली शीतल पड़ोस में रहने वाले अंकित भाटी नाम के युवक से प्यार करती थी। अक्टूबर, 2019 में करीब तीन साल के प्रेम संबंधों के बाद दोनों ने घर पर बिना बताए नजदीक के एक मंदिर में जाकर शादी कर ली थी।
शादी के बाद दोनों अपने-अपने परिवार के साथ रहने लगे। इस बीच 30 जनवरी, 2020 के बाद से ही अंकित की शीतल से न तो मुलाकात हुई थी और न ही फोन पर बात हुई। इससे परेशान होकर पति अंकित ने 17 फरवरी को थाने जाकर शीतल के अपहरण का मुकदमा उसके परिवार वालों के खिलाफ दर्ज करवाया था। जांच के बाद मामले का पर्दाफाश करते हुए मां सुमन, पिता रविंद्र, ताऊ संजय, फूफा ओम प्रकाश, फूफा के बेटे परवेश और जीजा अंकित को गिरफ्तार किया गया था।
शीतल के परिवार ने बोला था झूठ
दिल्ली पुलिस ने जांच शुरू की तो शीतल के माता-पिता ने कहा कि वह अपने फूफा के घर चली गई है। पुलिस को शीतल के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली। इससे पुलिस को स्वजनों पर ही शक गहराने लगा। मोबाइल फोन के आधार पर जांच शुरू हुई तो शक और गहराया। इस बीच माता-पिता से सख्ती की गई तो राज खुल गया। उन्होंने कबूल किया कि 29 जनवरी को ही घर पर शीतल का गला दबाया था, इसके बाद शव को कार में रखकर अलीगढ़ लेकर गए और अगले दिन उन्होंने नहर में फेंक दिया।
पिता ने आयुषी पर चलाई थी गोली
उधर आयुषी मामले में प्रेम विवाह से नाराज पिता नीतेश कुमार यादव ने पत्नी के साथ मिलकर 17 नवंबर आयुषी को मारा था। इसके बाद उन्होंने आयुषी के शव को मथुरा में सूटकेस में डालकर फेंक दिया था। इस बीच 18 नवंबर को यमुना एक्सप्रेस वे पर आयुषी का शव एक लाल रंग के ट्राली सूटकेस बैग में मिला था। जांच में सामने आया कि आयुषी को गोली मारी गई थी।
वहीं, आयुषी के बारे में कहा जा रहा है कि उसने छत्रपाल नाम के युवक से शादी की थी। वह 17 नवंबर की रात को देरी से घर पहुंची थी, जिससे पिता नीतेश नाराज थे। इस बात से गुस्साए पिता ने बंदूक से फायरिंग कर आयुषी को मार डाला। इस बीच जांच के दौरान मृतका की पहचान 20 नवंबर की देर शाम को मां और भाई ने की थी।
बताया जा रहा है कि आयुषी 17 नवंबर को ही लापता हो गई थी, इसकी कहीं भी गुमशुदगी दर्ज नहीं कराई गई थी। वहीं, हत्या के बाद पिता भी घर से कहीं चला गया था।