भारतीय सेना ने ड्रोन से लेकर व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण तक आपातकालीन खरीद के चौथे दौर के तहत 7,600 करोड़ रुपए की 49 योजनाओं का अनुबंध किया है । यह स्वदेशी समाधानों के साथ बल को भविष्य के युद्धों को लड़ने के लिए तकनीकी रूप से बेहतर बनाने के अनुरूप है। रक्षा सूत्रों ने बताया कि वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए ‘एक लचीले और अनुकूल दृष्टिकोण’ (फ्लेग्जिबल एंड एडप्टिव अप्रोच) की आवश्यकता है। आपातकालीन खरीद (EP) की पहली तीन किस्तों में 6,600 करोड़ रुपये की 68 योजनाओं पर हस्ताक्षर किए गए थे।
रक्षा सूत्रों के अनुसार ‘चौथी किस्त के हिस्से के रूप में, 7,600 करोड़ रुपए की 49 योजनाओं को गतिशीलता समाधान से लेकर संचार प्रणाली, ऊर्जा समाधान, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण, आयुध और सिमुलेटर, ड्रोन और काउंटर-ड्रोन तक की क्षमताओं के लिए अनुबंधित किया गया है।’ उन्होंने कहा कि लॉजिस्टिक और नैनो ड्रोन, काउंटर-ड्रोन, लॉइटर गोला-बारूद, निहत्थे हवाई वाहन या यूएवी-लॉन्च सटीक-निर्देशित मिसाइल, और स्वचालित स्पेक्ट्रम निगरानी प्रणाली जैसी विशिष्ट तकनीकों की खरीद की जा रही है।
सूत्रों ने कहा कि सेना 2023 को ‘परिवर्तन के वर्ष’ के रूप में मना रही है, और अपनी क्षमताओं में बढ़ाने के लिए कई परियोजनाओं पर काम कर रही है। यह भारत में विनिर्माण को बढ़ावा देने और एक जीवंत रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के इरादे से ‘आत्मनिर्भरता’ के दृष्टिकोण को साकार करने का नेतृत्व कर रहा है। उन्होंने कहा कि खरीद के चौथे दौर के तहत अनुबंधित की जा रही 49 योजनाओं के अलावा, लगभग सात हजार करोड़ रुपये की 34 योजनाएं खरीद के अंतिम चरण में हैं।