नई दिल्ली। टाटा स्टील (Tata Steel) के बोर्ड ने समूह की सात सहायक कंपनियों के विलय को मंजूरी दे दी है। टाटा स्टील ने शुक्रवार को स्टॉक एक्सचेंज में की गई एक नियामकीय फाइलिंग में इसकी जानकारी दी। गुरुवार को बोर्ड के सदस्यों की बैठक में इसकी मंजूरी मिली।
जिन कंपनियों का विलय किया जा रहा है, वो हैं- टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स, द टिनप्लेट कंपनी ऑफ इंडिया, टाटा मेटालिक्स, टीआरएफ, द इंडियन स्टील एंड वायर प्रोडक्ट्स, टाटा स्टील माइनिंग और एस एंड टी माइनिंग कंपनी।
लेनी होगी इनकी मंजूरी
टाटा ने अपने बयान में कहा है कि प्रत्येक कंपनी की विलय योजना की समीक्षा की गई और स्वतंत्र निदेशकों की समिति और कंपनी की लेखा परीक्षा समिति द्वारा बोर्ड को विलय की सिफारिश की गई।
हालांकि प्रत्येक योजना संबंधित ट्रांसफरर कंपनियों और ट्रांसफरी कंपनी के शेयरधारकों के बहुमत के अनुमोदन के अधीन है। इसके अलावा इस मर्जर को कंपनियों के सक्षम अधिकारी, सेबी, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड और बीएसई लिमिटेड की अनुमति की भी जरूरत होगी। साथ ही यह विलय नियामकीय कानूनों और अन्य सरकारी प्राधिकरणों या अर्ध-न्यायिक प्राधिकरणों के अनुमोदन, अनुमति और प्रतिबंधों के अधीन होगा।
इन कंपनियों का हुआ विलय
- टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स लिमिटेड (टीएसएलपी)
- द टिनप्लेट कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड (टीसीआईएल)
- टाटा मेटालिक्स लिमिटेड (टीएमएल-ट्रांसफर)
- टीआरएफ लिमिटेड (टीआरएफ)
- इंडियन स्टील एंड वायर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (आईएसडब्ल्यूपी)
- टाटा स्टील माइनिंग लिमिटेड (टीएसएमएल)
- एस एंड टी माइनिंग कंपनी लिमिटेड (एस एंड टी माइनिंग)