लखनऊ। महिलाओं के नाम से एक करोड़ रुपये तक की संपत्ति खरीदने पर एक प्रतिशत स्टांप ड्यूटी कम देनी पड़ेगी। वर्ष 2006 से अब तक महिलाओं को सिर्फ 10 लाख रुपये तक की रजिस्ट्री पर ही एक प्रतिशत स्टांप ड्यूटी से छूट मिल रही है। पैतृक संपत्ति के बंटवारे के मामले में भी अधिकतम 10 हजार रुपये का ही खर्चा आएगा।
शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर स्टांप एवं निबंधन विभाग के कार्यकलापों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महिलाओं को सशक्त और आर्थिक भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए एक करोड़ रुपये तक की रजिस्ट्री पर एक प्रतिशत की छूट देने पर विचार किया जाए। कहा कि पैतृक अचल संपत्ति को परिवार के सदस्यों (जीवित व्यक्ति व उसके तीन पूर्ववर्ती वंशजों) के मध्य विभाजित करने पर अधिकतम पांच हजार रुपये ही स्टांप शुल्क लिया जाए। रजिस्ट्रेशन फीस भी अधिकतम पांच हजार रुपये तय की जाए।
सीएम योगी ने बताया जनहितकारी निर्णय
मुख्यमंत्री योगी ने इसे जनहितकारी निर्णय बताते हुए कहा कि इससे पारिवारिक विवादों के समाधान में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को हिदायत दी कि सर्किल रेट का पुनरीक्षण तार्किक ढंग से सुनिश्चित किया जाए, ताकि प्रदेशवासियों को उसका वास्तविक लाभ मिले। रेट निर्धारण में विकास, शहरीकरण और आधारभूत संरचना की प्रगति को ध्यान में रखा जाए जिससे एक जैसी परिस्थितियों वाले स्थानों का सर्किल रेट एक समान हो।
बढ़ते भूमि विवादों के मद्देनजर योगी ने निर्देश दिए कि रजिस्ट्री से पहले भूमि के दस्तावेजों की जांच के साथ ही भू-स्वामी का अनिवार्य रूप से सत्यापन किया जाए। उन्होंने रजिस्ट्री प्रक्रिया को सरल बनाने और तकनीकी माध्यमों का अधिकतम उपयोग करने पर भी जोर दिया।
योगी ने निर्देश दिया कि जिलों में रजिस्ट्री कार्यालयों का आधारभूत ढांचा सुदृढ़ किया जाए। पर्याप्त स्टाफ की उपलब्धता के साथ ही सभी निर्माण तय अवधि में पूरा किए जाएं। उन्होंने रजिस्ट्री कार्यालयों में सीसीटीवी कैमरों को सदैव चालू हालत में रखने के भी निर्देश दिए। विभागीय अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि वर्ष 2016-17 में जहां 11 हजार करोड़ रुपये के स्टांप बिके थे वहीं पिछले वित्तीय वर्ष 2024-25 में 30 हजार करोड़ रुपये से अधिक की बिक्री हुई है। 45 जनपदों में सर्किल रेट का पुनरीक्षण कर लिया गया है जबकि शेष 30 जिलों में पुनरीक्षण की प्रक्रिया चल रही है।
अधिकारियों ने बताया कि विभाग द्वारा स्टांप का ऑनलाइन सृजन, संपत्ति के भारमुक्त प्रमाण पत्र की सुविधा, कृषि बंधक विलेखों की ई-फाइलिंग, निबंधन शुल्क का ई-भुगतान, अप्रयुक्त स्टांप की ऑनलाइन वापसी, डिजिलाकर में विवाह पंजीकरण प्रमाण पत्र और भारमुक्त प्रमाण पत्र जैसी सेवाएं आनलाइन उपलब्ध कराई जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि आम जनता को कार्यालयों के चक्कर न लगाने पड़ें इसके लिए सभी कार्यों को आनलाइन किया जाए। बैठक में विभागीय मंत्री रवीन्द्र जायसवाल, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।